गाजा में हुए इजरायली हवाई हमले के वीडियो को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हुई हिंसा की घटना से प्रभावित हिंदू समुदाय के बच्चे का बताकर फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बांग्लादेश राजनीतिक संकट और हिंसा की घटनाओं के बीच सोशल मीडिया पर घायल बच्चे के वीडियो क्लिप को शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो वहां हुई हिंसा के दौरान प्रभावित हुए हिंदू परिवार का है, जिसमें बच्चा बुरी तरह घायल हुआ है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो गाजा में इजरायली एयरस्ट्राइक से संबंधित घटना का है।
सोशल मीडिया यूजर ‘सचिन सिंह तोमर’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “यह एक बांग्लादेशी हिन्दू बच्चा है। जिसे अपने घर के बाहर फेंक दिया गया है और अंदर उसकी माँ का आर्तनाद सुनाई पड़ रहा है, उसका बलात्कार हो रहा है और शायद उसकी हत्या भी हो गई होगी। यह बच्चा यदि गाजा की सड़कों पर होता तो आज विश्व मीडिया का आवरण चित्र बना होता।भारत की उस भूमि पर जिसे अखण्ड भारत कहते हैं आज से नहीं, ईस्वी सन् 712 से ऐसा ही हो रहा है। इसी बर्बरता से बचने के लिए जौहर और सती प्रथा का प्रचलन हुआ।आज के ये भौंडे बुद्धिजीवी अपने पाश्चात्य और वामपंथी मानस पिताओं के पदचिन्हों पर चलते हुए जिसे हिन्दू समाज की दुर्गुणों के रूप में चित्रित करते हैं वे दुर्गुण नहीं थे, बल्कि अपनी अस्मिता और आत्मसम्मान को बचाने के लिए किया गया महान प्रयत्न था।
यह दुर्भाग्य है कि आज हिन्दू पशु की तरह जीवन जी रहा है। न उसे अपने अतीत का बोध है और न भविष्य की चिन्ता। सामने जो भौतिक संसाधनों का चारा पड़ा है उसे ही चरने में वह मस्त है। अपनी-अपनी दुकानें सजी हुई हैं और ग्राहकों को अपने सुविधा के अनुकूल बनाने का प्रयास हो रहा है, उन्हें जो कुछ याद है उसे भी भुलवाया जा रहा है। वे मुहम्मद गोरी, गजनी और अलाउद्दीन, औरंगजेब को याद कर सकेंगे, उन्हें कश्मीर, केरल, बंगाल तो छोड़िए, उन्हें तो वह दिल्ली भी याद नहीं है जहाँ अभी चार-पांच वर्ष पहले हिन्दुओं को सड़कों पर दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया था और पैसठ लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
जिस समाज के विचार और स्मृति पर पहरा बैठा दिया जाता है उस समाज को समाप्त करने के लिए कुछ करना नहीं पड़ता वह स्वतः समाप्त हो जाता है।( सनद रहे, यहां हिन्दू सम्बोधन में जैन, बौद्ध, वैदिक, शैव, वैष्णव व सिख सभी शामिल हैं) लेखनी आदरणीय नितिन जी।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो ‘CBS News’ के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला, जिसमें इस वीडियो को देखा जा सकता है।
सर्च में हमें यह पोस्ट Aljazeera Mubasher Channel की फेसबुक प्रोफाइल पर लगा मिला, जिसे 14 जुलाई 2024 को साझा किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह गाजा स्थित अल-नुसैरात शिविर का है।”
इसी चैनल के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भी हमें यह वीडियो मिला, जिसे 14 जुलाई को समान संदर्भ में शेयर किया गया है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो बांग्लादेश से संबंधित नहीं है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोटा सिस्टम के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान सियासी अनिश्चितता की स्थिति में राजनीतिक प्रतिस्पर्धियों के साथ वहां रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यकों को भी निशाना बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू समुदाय के लोगों की हत्या के साथ-साथ उनके व्यवसाय, घरों और मंदिरों पर भी हमला किया गया। हालांकि, वायरल वीडियो का संबंध इस हिंसा से नहीं है।
इस बीच बांग्लादेश में नई सरकार का गठन हो चुका है और बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस इस अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार के तौर पर शपथ ले चुके हैं। यूनुस ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को घृणित बताया है।
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की निंदा की है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि वह नस्लीय आधार पर किसी भी हमले या हिंसा भड़काने के खिलाफ हैं।
वायरल वीडियो को लेकर हमने बांग्लादेशी फैक्ट चेकर तौसिफ अकबर से संपर्क किया और उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ऐसी कोई घटना बांग्लादेश में नहीं हुई है।
बांग्लादेश से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है। इससे पहले एक अन्य वायरल वीडियो के जरिए बांग्लादेश के एयरपोर्ट पर भारतीय सेना की मौजूदगी का दावा किया गया था, जिसे हमने अपनी जांच में फेक पाया था।
निष्कर्ष: गाजा में हुए इजरायली हवाई हमले के वीडियो को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हुई हिंसा की घटना से प्रभावित हिंदू समुदाय के बच्चे का बताकर फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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