आंध्र प्रदेश के गुंटुर में दरगाह को तोड़ने की पुरानी घटना के वीडियो को केरल में मंदिर तोड़ने के फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि दक्षिण भारतीय राज्य केरल में समुदाय विशेष के लोगों ने मंदिर को तोड़ दिया। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को एक परिसर के दरवाजे को तोड़ते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल हो रहा वीडियो आंध्र प्रदेश के गुंटुर में हुई पुरानी घटना का है, जिसे केरल के नाम पर फेक सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। गुंटुर की यह घटना पुरानी है और इसमें मंदिर नहीं, बल्कि दरगाह को नुकसान पहुंचाया गया था।
सोशल मीडिया यूजर ‘Aman Maurya’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “यह है केरल के हालात….जहां हिंदू अपने मंदिरों को चाह कर भी नहीं बचा पा रहे हैं।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो पहले भी सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल हो चुका है, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी।
वास्तव में यह वीडियो आंध्र प्रदेश के गुंटुर के एलबी नगर में हुई घटना का है, जब कुछ लोगों ने मस्जिद बनाने के लिए दरगाह को तोड़ने की कोशिश की थी। ‘इंडिया टुडे’ की 18 अक्तूबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, “स्थानीय लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोका और दरगाह को वहां हटाने से इनकार कर दिया।”
रिपोर्ट में लालपेट इंस्पेक्टर के बयान का जिक्र है। इसके मुताबिक, “बाजी बाबा दरगाह को एएस रत्नम उर्फ रहमान ने स्थापित किया था। वह यहां 40 साल से रह रहे थे और 15 साल पहले अपनी समाधि बनाई थी। उन्होंने अपनी बेटी व परिजनों को उनकी मृत्यु के बाद वहां मस्जिद बनाने को कहा था। 2020 में कोविड-19 की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी बेटी ने भूमि को मस्जिद बनाने के लिए दान में दे दिया, लेकिन पड़ोस के चार-पांच परिवार यहां दरगाह को लेकर अड़े रहे।”
‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में 17 अक्तूबर 2022 की रिपोर्ट में भी इसका जिक्र है। वायरल वीडियो को लेकर हमने उस वक्त लालपेट पुलिस स्टेशन से संपर्क किया था और उन्होंने घटना की पुष्टि करते हुए बताया था कि कुछ लोगों ने दरगाह को तोड़ने की कोशिश की थी।
वायरल वीडियो को गलत व सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को बदायूं का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: आंध्र प्रदेश के गुंटुर में दरगाह को तोड़ने की पुरानी घटना के वीडियो को केरल में मंदिर तोड़ने के फेक व सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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