पाकिस्तान के कराची में अहमदिया मुस्लिम के मस्जिद को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पाकिस्तान में गहराते आर्थिक संकट के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोगों को मस्जिद को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में आर्थिक संकट की वजह से भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है और इस कारण लोग गुस्से में मस्जिदों को तोड़कर उसकी संपत्तियों को बेच रहे हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो पाकिस्तान का ही है, लेकिन इसके साथ वायरल हो रहा संदर्भ भ्रामक है। वायरल वीडियो में नजर आ रही मस्जिद अहमदिया मुस्लिमों की मस्जिद है और इस समुदाय के धार्मिक स्थलों को उनकी गैर-मुस्लिम पहचान की वजह से पाकिस्तान में बार-बार निशाना बनाया जाता रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘राष्ट्र प्रेमी भगवा आतंकवादी ग्रुप’ ने वायरल वीडियो को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”
पाकिस्तान में इस कदर भुखमरी फैली है कि भूखे से तड़पते मुल्ले मस्जिद तोड़कर लोहा और ईंट बेचकर पेट भर रहे हैं 🙆
करांची में चुस्लिमों ने एक महीने में तीसरी मस्जिद तोड़ी,
चार निकाह करके 20 – 30 बच्चे पैदा किए, यह कहके कि सब अल्ला ताला की देन है❗
अब पेट भरने को अल्ला ताला आटा नहीं दे रहा 🙆
अल्ला ताला अपने अनुयायियों को उन्हे उनकी बदहाली में छोड़ के आसमान में कहीं छुप गया है❓
”
कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो में कुछ लोगों को मस्जिद को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में हमें यह आर्टिकल इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर चार फरवरी 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट में मिली, जिसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर वायरल वीडियो के विजुअल से मेल खाता है।
रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, ”सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ लोगों को कराची के सदर में अहमदिया मुसलमानों के मस्जिद को तोड़ते हुए देखा जा सकता है। इस हमले से पहले भी पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के कई धार्मिक स्थलों पर हमला हो चुका है।”
न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी इस खबर को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से तीन फरवरी 2023 को ट्वीट किया है, जिसमें नजर आ रही तस्वीर वायरल वीडियो से मेल खाती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में अक्सर अहमदिया मुस्लिमों के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जाता है, क्योंकि उन्हें गैर-मुस्लिम के तौर पर देखा जाता है और पाकिस्तान का कानून भी उन्हें ऐसे ही देखता है।
अन्य रिपोर्ट से भी इस दावे की पुष्टि होती है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से लिखी गई इंडियन एक्सप्रेस की 16 दिसंबर 2016 की रिपोर्ट में भी पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के मस्जिद पर हमला किए जाने के मामले में 3,000 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो का पाकिस्तान की आर्थिक तंगी के हालात से कोई संबंध नहीं है। अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने पाकिस्तान स्थित पत्रकार और फैक्ट चेकर लुब्ना जरार नकवी से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि मस्जिद को तोड़े जाने की इस घटना का पाकिस्तान के आर्थिक संकट से कोई लेना-देना नहीं है।
इससे पहले भी एक ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ था, जिसे लेकर दावा किया गया था कि पाकिस्तान में आर्थिक तंगी की वजह से लोगों ने पेट्रोल पंप को आग के हवाले कर दिया। हमने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: पाकिस्तान के कराची में अहमदिया मुस्लिम के मस्जिद को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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