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Fact Check: तमिलाडु से हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के पलायन के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो पलामू एक्सप्रेस का है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहों की वजह से तमिलनाडु से हिंदी भाषी प्रवासी मजूदरों के पलायन से जोड़कर वायरल किए जा रहे एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तमिलनाडु से भाग रहे हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों से संबंधित है। वीडियो में नजर आ रही ट्रेन की समान्य बोगियों से लटककर लोगों को यात्रा करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तमिलनाडु से बिहार आ रही ट्रेन का नजारा है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह वीडियो भी उन वीडियो की तरह फेक निकला, जिसका तमिलनाडु से प्रवासी मजदूरों के पलायन से कोई संबंध नहीं है और जिसकी वजह से अफवाहें फैलीं और प्रवासी मजदूरों के पलायन की शुरुआत हुई।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Dynamo Zams Gaming’ ने वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए दावा किया है कि यह तमिलनाडु से बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों का वीडियो है।

वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो में नजर आ रही ट्रेन की समान्य बोगियों में भारी भीड़ को देखा जा सकता है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं। इनविड टूल की मदद से हासिल एक फ्रेम में ट्रेन की वह बोगी नजर आई, जिस पर ट्रेन का नाम ‘पलामू एक्सप्रेस’ लिखा हुआ है।

भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, यह ट्रेन झारखंड राज्य के बरकाकाना जंक्शन से बिहार की राजधानी पटना के बीच चलती है।

हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के पलामू के ब्यूरो चीफ मुत्युंजय पाठक ने पुष्टि करते हुए बताया कि पलामू एक्सप्रेस बिहार से तमिलनाडु के बीच नहीं, बल्कि झारखंड से पटना के बीच चलती है।

हमारी जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में नजर आ रही ट्रेन तमिलनाडु से बिहार लौट रहे प्रवासी मजदूरों की नहीं है, बल्कि झारखंड से पटना के बीच चलने वाली ट्रेन की है, जिसे गलत दावे के साथ तमिलनाडु प्रवासी मजदूरों के पलायन से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में उत्तर भारतीय प्रवासी मजदूरों पर हमले के दावे के साथ सोशल मीडिया पर फेक और भ्रामक दावों के साथ असंबंधित वीडियो और तस्वीरों को शेयर किया गया, जिसकी वजह से तमिलनाडु से प्रवासी मजदूरों के पलायन की शुरुआत हुई। ऐसे वीडियो और तस्वीरें फैलाने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत की जा चुकी है।

इस मामले में बिहार पुलिस ने गलत और भ्रामक दावे के साथ उन्माद फैलाने वाले वीडियो के मामले में जांच करते हुए चार लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और इनमें से एक आरोपी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

इस बीच तमिलनाडु जांच के लिए गई टीम ने बिहार वापस लौटकर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सोशल मीडिया में प्रचलित सात वीडियो के साथ समाचार और संदेश बिहार के प्रवासी श्रमिकों के मोबाइल फोन पर पाए गए थे, वे भ्रामक पाए गए।

प्रभात खबर की 11 मार्च 2023 की रिपोर्ट

इस मामले में तमिलनाडु पुलिस भी लगातार कार्रवाई करते हुए ऐसे लोगों की पहचान और उन्हें गिरफ्तार कर रही हैं, जिन्होंने फेक और भ्रामक दावे के साथ वीडियो और तस्वीरों को साझा किया।

हाल ही में दक्षिण भारत में हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के साथ ट्रेन में मारपीट के मामले का वीडियो सामने आया था और इस मामले में पुलिस ने आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर तमिलनाडु में हिंदी भाषी मजदूरों के साथ हुई हिंसा के दावे के साथ कई वीडियो और तस्वीरों को भ्रामक और गलत दावे के साथ साझा किया गया, जिसकी वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन शुरू हुआ। विश्वास न्यूज की वेबसाइट और आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इससे संबंधित फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को देखा और पढ़ा जा सकता है।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर 150 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: तमिलनाडु से हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों के पलायन के दावे के साथ वायरल हो रहा वीडियो पलामू एक्सप्रेस का है, जो झारखंड के बरकाकाना से बिहार की राजधानी पटना के बीच चलती है। इस वीडियो को गलत दावे के साथ तमिलनाडु से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

  • Claim Review : तमिलनाडु से बिहार लौटते प्रवासी मजदूरों का वीडियो।
  • Claimed By : FB User-Dynamo Zams Gaming
  • Fact Check : झूठ
झूठ
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