Fact Check: उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर की दो साल पुरानी तस्वीर दिल्ली हिंसा से जोड़कर की जा रही शेयर

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। फोटो दो साल पहले उत्तर प्रदेश के बदायूं की है। वायरल तस्वीर में नजर आ रहे लोग सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि वॉलन्टियर्स हैं, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान पुलिस के साथ मिलकर लोगों की मदद की थी। 

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया पर दिल्ली की जहांगीरपुरी हिंसा से जोड़ते हुए कुछ पुलिसकर्मियों की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में दो लोगों को कुछ पुलिसकर्मियों के साथ चलते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस ने अपनी सुरक्षा के लिए भगवाधारी सुरक्षाकर्मी रख लिए हैं। वहीं, कई यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि अब लोग तलवार लेकर दिल्ली पुलिस की सुरक्षा के लिए आगे आ गए हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। फोटो दो साल पहले उत्तर प्रदेश के बदायूं की है। वायरल तस्वीर में नजर आ रहे लोग सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि वॉलन्टियर्स हैं, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान पुलिस के साथ मिलकर लोगों की मदद की थी।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

ट्विटर यूजर Naushad khan (sallu) ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “हाथमे तलवार लेकर दिल्ली पुलिस की रक्षा करते धर्मरक्षक।”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर Anil Kumar Aryan नामक फेसबुक अकाउंट पर 23 अप्रैल 2020 को अपलोड मिली। कैप्शन में यूजर ने तस्वीर को उत्तर प्रदेश के बदायूं शहर का बताया हुआ है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ा एक ट्वीट बदायूं पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 20 अप्रैल 2020 को पोस्ट मिला। एक ट्विटर यूजर RaQim Qadri ने वायरल तस्वीर से जुड़े एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए बदायूं पुलिस से सवाल किया था कि वीडियो में भगवा गमछा पहने नजर आ रहे लोग कौन हैं। जिसके रिप्लाई करते हुए पुलिस ने ट्वीट किया था, “Sho कोतवाली द्वारा बताया गया कि उक्त फोटो मे दर्शाये गये दोनों व्यक्ति कोरोना वारियर्स 1. मुकेश कुमार तथा 2. सुनील गुर्जर द्वारा मोहल्ले में भ्रमण कर लोगों से आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने तथा अपने-अपने घरों में रहने की अपील की गई। पुलिस के साथ दोनों कोरोना वारियर्स हैं।”

पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए विश्वास न्यूज ने बदायूं दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर अंकित गुप्ता की मदद से एसएचओ देवेंदर सिंह धामा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। तस्वीर में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। तस्वीर में नजर आ रहे लड़कों के नाम मुकेश कुमार और सुनील गुर्जर हैं। दो साल पहले कोरोना काल के दौरान लोगों की मदद करने के लिए हर मोहल्ले से कुछ लोगों को कोरोना वारियर्स के वॉलन्टियर्स के तौर पर चुना गया था, ये वही लोग हैं। ये लोग राशन देने, दवाई पहुंचाने, आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने और लोगों को जागरूक करने में पुलिस की मदद कर रहे थे।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Naushad khan (sallu) की प्रोफाइल को स्कैन किया। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर ट्विटर पर 2016 से सक्रिय है और ट्विटर पर यूजर के 19 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वायरल तस्वीर का दिल्ली से कोई संबंध नहीं है। फोटो दो साल पहले उत्तर प्रदेश के बदायूं की है। वायरल तस्वीर में नजर आ रहे लोग सुरक्षाकर्मी नहीं, बल्कि वॉलन्टियर्स हैं, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान पुलिस के साथ मिलकर लोगों की मदद की थी। 

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