उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर और 51,000 सरकारी स्कूलों के बंद होने का दावा भ्रामक है। वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर का निर्माण सरकारी फंडिंग से नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के दिए चंदे से हो रहा है। वहीं, देश में स्कूलों की संख्या में सालाना आधार पर उतार-चढ़ाव होते रहता है। 2018-19 की यूडीआईएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 50 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद हुए, लेकिन इस संख्या में आई गिरावट और वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर के बीच में कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वा न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि वृंदावन में जहां 500 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, वहीं देश में दूसरी तरफ से 51000 सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वृंदावन में बनने वाला चंद्रोदय मंदिर, इस्कॉन की परियोजना है और इसका निर्माण श्रद्धालुओं के सहयोग से हो रहा है। इसलिए वायरल पोस्ट में मंदिर निर्माण और सरकारी स्कूलों के बंद होने की तुलना भ्रामक और असंबद्ध है।
सोशल मीडिया यूजर ‘lmp352’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “500 करोड़ रुपये की लागत से वृंदावन में बनेगा सबसे बड़ा और सबसे भव्य मंदिर और 51000 सरकारी स्कूल होंगे बंद। ऐसे बनेगा देश विश्व गुरु।”
कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में किसी मंदिर के नाम का जिक्र नहीं है। न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें वृंदावन में करीब 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर का जिक्र है। हिंदुस्तान टाइम्स की 20 जुलाई 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के वृंदावन में चंद्रोदय मंदिर की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी ज्यादा होगी और इसके निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक, निर्माण में लगने वाली पूंजी दुनिया भर में फैले भगवान कृष्ण के श्रद्धालुओं के चंदे से जुटाई जाएगी और इसका निर्माण इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कंसियसनेस (इस्कॉन) के जरिए पूरा किया जाएगा।
वृंदावन चंद्रोदय मंदिर की वेबसाइट पर इस मंदिर परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध है। वेबसाइट पर मौजूद जानकारी और किसी भी अन्य रिपोर्ट में हमें इस मंदिर के निर्माण में सरकारी पूंजी के इस्तेमाल की कोई सूचना मिली।
ऐसा पहली बार नहीं है, जब यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इससे पहले 2022 में यह दावा वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने इसकी जांच की थी, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
मंदिर की फंडिंग के स्रोतों के बारे में जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने इसकी वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर संपर्क किया। विश्वास न्यूज के साथ बातचीत में सौरभ ने बताया, “वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का निर्माण श्रद्धालुओं के वित्तीय सहयोग से हो रहा है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। मंदिर निर्माण में लगने वाली पूंजी दान के जरिए जुटाई जा रही है और इसमें दुनिया भर में फैले श्रद्धालु सहयोग कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन या ऑफलाइन जरिये से दान की रकम दे सकता है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट में जिस मंदिर का जिक्र किया गया है, वह उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बनने वाला चंद्रोदय मंदिर है, जो निर्माणाधीन अवस्था में है।
वायरल पोस्ट में दूसरा दावा 51,000 सरकारी स्कूलों के बंद होने का किया गया है। न्यूज सर्च में हमें कई पुरानी रिपोर्ट्स मिली, जिसमें स्कूलों के बंद होने का जिक्र है। द टेलीग्राफ की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2018 से सितंबर 2019 के बीच देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में 51,000 की गिरावट आई है, वहीं इसी अवधि में निजी स्कूलों की संख्या में करीब 3.6 फीसदी की वृद्धि हुई है।
यह रिपोर्ट सरकारी आंकड़ों के आधार पर लिखी गई है। यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इन्फॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस डेटा के मुताबिक, देश में सरकारी स्कूलों की संख्या में कमी आई है, जबकि प्राइवेट स्कूलों की संख्या बढ़ी है।
यूडीआईएसई, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट की एक यूनिट है, जो सालाना स्कूलों से संबंधित डेटा उपलब्ध कराती है। यूडीआईएसई की वेबसाइट पर स्कूलों की संख्या और अन्य ट्रेंड्स से संबंधित पिछले कई सालों की रिपोर्ट को देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब 100 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर और 51,000 सरकारी स्कूलों के बंद होने का दावा भ्रामक है। वृंदावन का चंद्रोदय मंदिर का निर्माण सरकारी फंडिंग से नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं के दिए चंदे से हो रहा है। वहीं, देश में स्कूलों की संख्या में सालाना आधार पर उतार-चढ़ाव होते रहता है। 2018-19 की यूडीआईएसई की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 50 हजार से अधिक सरकारी स्कूल बंद हुए, लेकिन इस संख्या में आई गिरावट और वृंदावन में 500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मंदिर के बीच में कोई संबंध नहीं है।
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