Fact Check: यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के मेरठ में हुई बर्फबारी की नहीं है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बर्फबारी की एक तस्वीर को देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के मेरठ की है, जहां भारी बर्फबारी की वजह से सड़कें बर्फ से पट गईं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रही तस्वीर न तो उत्तर प्रदेश के मेरठ की है और न ही वहां पर बर्फबारी हुई है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Raja Siddiqui’ ने वायरल हो रही तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”ये कोई जम्मू कश्मीर नही बल्कि आज सुबह मेरठ की सब्ज़ी मंडी का नज़ारा है।”

सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर यूजर ‘Tamsal Ateeq’ ने तस्वीर को शेयर करते हुए इसे लखनऊ का बताया है।

https://twitter.com/TamsalAteeq/status/1339797600342405120

पड़ताल

न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें मेरठ में बर्फबारी का जिक्र हो। हालांकि, ‘दैनिक जागरण’ की वेबसाइट पर 18 दिसंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में मेरठ में ठंड की वजह से पिछले 40 वर्षों का रिकॉर्ड टूटने की खबर जरूर मिली।

खबर के मुताबिक, ‘पहाड़ों से आ रही बर्फीली हवा के बीच जारी शीतलहर के चलते मेरठ में आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। गुरुवार को ठंड ने पिछले 40 वर्षो का रिकार्ड तोड़ दिया। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को न्यूनतम तापमान 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 14.5 डिग्री रहा।’

दैनिक जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट

वायरल हो रही तस्वीर को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के मेरठ के डिजिटल प्रभारी प्रेम भट्ट से बात की। उन्होंने इस तस्वीर को मेरठ की बताए जाने के दावे का खंडन करते हुए कहा कि मेरठ में ऐसी बर्फबारी नहीं होती।

यानी वायरल हो रही तस्वीर उत्तर प्रदेश के मेरठ की नहीं है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर ट्विटर यूजर ‘Tamsal Ateeq’ की प्रोफाइल पर भी मिली, जिसमें उन्होंने इसे लखनऊ का बताया है। उनकी इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने इस दावे का खंडन किया है। कई यूजर्स ने इस तस्वीर को पाकिस्तान का बताया है।

https://twitter.com/TamsalAteeq/status/1339797600342405120

तस्वीर को गौर से देखने पर हमें उसमें नजर आ रहे ट्रकों पर कुछ लिखा नजर आया है। हमने इस तस्वीर को विश्वास न्यूज में उर्दू भाषा में फैक्ट चेक करने वाली सहयोगी फैक्ट चेकर को दिखाया।उन्होंने बताया -‘ट्रकों पर जो भाषा लिखी हुई नजर आ रही है, वह उर्दू नहीं, बल्कि अरबी है।’ दूसरा, इन ट्रकों की बनावट भी भारत में नजर आने वाले ट्रकों से मेल नहीं खाती है। तस्वीर में नजर आ रहे ट्रकों की बनावट पाकिस्तान के ट्रकों से मिलती-जुलती हैं।

ट्रकों के अगले हिस्से पर अरबी में लिखी आयतें और ट्रकों की बनावट (गोल घेरे में) जो भारत में चलने वाली ट्रकों से आम तौर पर भिन्न है

हमें ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें पाकिस्तान के कघन घाटी में भारी बर्फबारी का जिक्र था। विश्वास न्यूज वायरल हो रही तस्वीर के लोकेशन की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश के मेरठ की नहीं है, इसका सत्यापन करता है।

वायरल हो रही तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को मेरठ का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के मेरठ में बर्फबारी के दावे के साथ वायरल हो रही पोस्ट फर्जी है। किसी अन्य जगह की तस्वीर को मेरठ में हुई बर्फबारी की बताकर उसे गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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