Fact Check: भीमा-कोरेगांव के योद्धाओं की ‘दुर्लभ’ तस्वीर के दावे के साथ वायरल फोटो जुलु रिसायत के राजकुमारों की है
अफ्रीकी जुलु रियासत के राजकुमार डिनुजुलु और राजकुमार डाबुको की तस्वीर को भीमा- कोरेगांव युद्ध में लड़ने वाले महार जाति के योद्धाओं की 'दुर्लभ' तस्वीर के दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jan 2, 2024 at 01:20 PM
- Updated: Jan 2, 2024 at 01:42 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भीमा कोरेगांव (कोरेगांव-भीमा) युद्ध की वर्षगांठ मनाए जाने के बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भीमा कोरेगांव युद्ध में लड़ने वाले दो महार योद्धाओं की ‘दुर्लभ’ तस्वीर है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान संदर्भ में शेयर किया है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। वायरल हो रही इस तस्वीर का भीमा कोरेगांव से कोई संबंध नहीं है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘pintu.3092’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “भीमा कोरेगांव के दो महार योद्धा। भीमा कोरेगांव के युद्ध में दो महार योद्धा सैनिक को कि दुर्लभ तस्वीर।”
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
जांच
भीमा कोरेगांव युद्ध 1818 की घटना है और भारत में कैमरे का पहला व आधिकारिक इस्तेमाल 1855 में हुआ।visionsofindia.blogspot.com पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, भारत में फोटोग्राफी के उपकरण 1850 के आस-पास पहुंचे और 1854 में मुंबई में बंबई फोटोग्राफिक सोसाएटी का गठन हुआ, जिसके 200 सदस्य थे। यानी भीमा-कोरेगांव की लड़ाई के ‘दुर्लभ’ योद्धाओं के दावे के साथ वायरल तस्वीर किसी अन्य जगह की है।
तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। वायरल पोस्ट में दो तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है और सर्च में हमें यह तस्वीर एंग्लोजुलुवॉर डॉटकॉम जर्नल की पृष्ठ संख्या आठ पर लगी मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, इसमें नजर आ रहे दोनों व्यक्ति प्रिंस डिनुजुलु और प्रिंस डाबुको हैं। यह तस्वीर उस वक्त ली गई थी, जब 1888 में विद्रोह के दौरान नतला अधिकारियों की तरफ से उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
अलामी डॉटकॉम की वेबसाइट पर भी हमें यह तस्वीर दक्षिणी अफ्रीका के म्यूजियम के हवाले से लगी मिली। वायरल तस्वीर को लेकर हमने (1818 में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई लड़ने वाले दिवंगत खांदोजिबिन गजोजी जमादार (मालवदकर) की सातवीं पीढ़ी) के एडवोकेट रोहन जमादार से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये तस्वीरें भीमा-कोरेगांव युद्ध में शामिल योद्धाओं की नहीं है
उन्होंने हमें इस युद्ध से संबंधित ऐतिहासिक दस्तावेज भी मुहैया कराए, जिसमें इस युद्ध का विवरण है।
ब्रिटैनिका डॉटकॉम के मुताबिक, एंग्लो-जुलु वार 1879 में दक्षिण अफ्रीका में छह महीने लंबी चली लड़ाई थी, जिसमें ब्रिटिश आर्मी के हाथों जुलुओं की हार हुई थी।
वायरल तस्वीर को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले इंस्टाग्राम यूजर को करीब पांच सौ लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: अफ्रीकी जुलु रियासत के राजकुमार डिनुजुलु और राजकुमार डाबुको की तस्वीर को भीमा- कोरेगांव युद्ध में लड़ने वाले महार जाति के योद्धाओं की ‘दुर्लभ’ तस्वीर के दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
- Claim Review : भीमा कोरेगांव में लड़ने वाले महार जाति के दो योद्धाओं की दुर्लभ तस्वीर।
- Claimed By : Insta User-pintu.3092
- Fact Check : झूठ
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