महिला के साथ भागने वाला शख्स का बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से कोई संबंध नहीं है। यह चित्रकूट के आचार्य धीरेंद्र का शिष्य था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर सोशल मीडिया पर अक्सर फर्जी और भ्रामक पोस्ट वायरल होती रहती हैं। अब एक पोस्ट के माध्यम से यह फैलाया जा रहा है कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का एक शिष्य यजमान की पत्नी को लेकर चला गया। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस पोस्ट के माध्यम से धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साध रहे हैं। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। दरअसल घटना तो सही है, लेकिन महिला के साथ भागने वाला शख्स का बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से कोई संबंध नहीं है। यह चित्रकूट के आचार्य धीरेंद्र का शिष्य था।
फेसबुक यूजर यशवी ओसवाल ने 9 मई को एक पोस्ट करते हुए दावा किया, “अगर यजमान धीरेन्द्र शास्त्री के पास पहले आ गया होता तो वो समय से बता देते कि मेरा शिष्य जल्दी ही तुम्हारी पत्नी को भगा ले जायेगा..अब भुगतो बेटा…समय से बागेश्वर बाबा के पास क्यों नहीं पहुंचा।”
इस पोस्ट के माध्यम से बागेश्वर धाम पर दूसरे यूजर्स भी निशाना साध रहे हैं। यह फेसबुक, ट्विटर पर काफी वायरल है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई पता लगाने के लिए पड़ताल की शुरुआत गूगल ओपन सर्च टूल से की। सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल में वायरल पोस्ट से जुड़े कंटेंट को कीवर्ड बनाकर सर्च किया गया। कई न्यूज वेबसाइट पर हमें मध्य प्रदेश में हुई इस घटना की खबर मिली। इन खबरों में बताया गया कि छतरपुर में एक यजमान की पत्नी अपने पति को छोड़कर कथावाचक के शिष्य नरोत्तम दास दुबे के साथ चली गई। द सूत्र नाम की एक वेबसाइट ने 8 मई को पब्लिश खबर में जिस धीरेंद्र आचार्य का जिक्र किया, वह चित्रकूट धाम के बाबा है,जबकि सोशल मीडिया पर बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर पोस्ट को वायरल किया जा रहा है।
आजतक की वेबसाइट पर 8 मई को पब्लिश खबर में कहीं भी बागेश्वर धाम या धीरेंद्र शास्त्री का कोई जिक्र नहीं मिला। इसमें लिखा गया, “मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक यजमान को रामकथा करवाना महंगा पड़ गया। हुआ यूं कि कथावाचन के लिए आए कथावाचक का शिष्य ही यजमान की पत्नी को भगाकर ले गया। मामला साल 2021 से शुरू हुआ था। जब महिला के पति राहुल तिवारी ने गौरीशंकर मंदिर में रामकथा का आयोजन करवाया था। कथा वाचन के लिए चित्रकूट के कथावाचक बुलाए गए थे। आचार्य अपने शिष्य नरोत्तम दास दुबे के साथ रामकथा करने आए थे। पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।”
सर्च के दौरान ही आजतक की वेबसाइट पर एक और खबर मिली। 10 मई को पब्लिश इस खबर में कथावाचक धीरेंद्र आचार्य का एक वीडियो इस्तेमाल किया गया। इसमें उन्हें बोलते हुए सुना जा सकता है, “नरोत्तम हमारा शिष्य तो नहीं था। लेकिन सेवा के तौर पर साथ रहता था। हमारी सारी व्यवस्थाओं को देखता था। गाड़ी भी चलाता था। कभी-कभी कैमरा भी चलाता था। कथाओं में लाइव चलाता था जिस दिन से उसका हमें कृत्य मालूम चला तो हमने उसका परित्याग कर दिया। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं। हमने उसे अपने पास से भगा दिया। हमेशा-हमेशा के लिए।”
आज तक के यूट्यूब चैनल पर भी हमें एक खबर मिली। इसे 8 मई को अपलोड किया गया था। इसमें कथावाचक का नाम धीरेंद्र आचार्य बताया गया, जो चित्रकूट से आए थे। पूरा वीडियो यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए बागेश्वर धाम के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का रूख किया। वहां 9 मई को एक पोस्ट के माध्यम से बताया गया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ समाचार पत्रों द्वारा और कुछ मीडिया वेबसाइट द्वारा अनर्गल प्रचार किया जा रहा है, सिर्फ़ सनसनीखेज़ पोस्टर बना कर। सूत्रों के आधार पर खबर कुछ और होती है, लेकिन उसे बागेश्वर पीठ से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे बागेश्वर धाम पीठ के करोड़ों भक्त आहत है। अप सभी सम्मानित मीडिया संस्थान से अनुरोध है, वो सिर्फ़ सच्चाई को दिखाए और सुनी-सुनाई और प्लांटेड ख़बरों से परहेज़ करे-बागेश्वर धाम पीठ शिष्य मण्डल। नोट-बागेश्वर धाम संस्थान सभी मीडिया संस्थान का सम्मान करती है। उनकी विश्वसनीयता पर कोई सवाल ना उठे यही अनुरोध करती है।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के मीडिया प्रभारी केशव मेहता ने विश्वास न्यूज को बताया, “वायरल पोस्ट पूरी तरह बेबुनियाद है। इसके माध्यम से बागेश्वर बाबा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। चित्रकूट के आचार्य धीरेंद्र के शिष्य को बागेश्वर धाम से जोड़ा जा रहा है।”
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में नईदुनिया, छतरपुर के ब्यूरो चीफ भरत शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल पोस्ट वाली घटना का बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से कोई संबंध नहीं है। यह भ्रामक पोस्ट है।
पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्ट करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग की गई। पता चला कि यशवी ओसवाल के नाम से बने इस अकाउंट को नौ हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के नाम पर वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। चित्रकूट के आचार्य धीरेंद्र के एक शिष्य की घटना को कुछ लोग बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
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