Fact Check: रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते शख्स की वायरल तस्वीर एआई जनरेडेट

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते शख्स की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेंट की मदद से बनाई गई है।

Fact Check: रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते शख्स की वायरल तस्वीर एआई जनरेडेट

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते एक शख्स की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ट्रेन का एक्सीडेंट कराने के लिए एक विशेष समुदाय का शख्स ट्रैक पर पत्थर रखते हुए पाया गया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ने 9 सितंबर 2024 को वायरल तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बनाओ तुम नई-नई रेल लाइन, चलाओ तुम तेजस और वंदेभारत… यदि तुम निर्माण करना जानते हो तो विध्वंस करने में हमारी महारत है… तोड़ने-फोड़ने, जलाने-लूटने का 1400 वर्ष का अनुभव है, हमारी शांतिप्रिय कौम को. आपका प्रिय अभ्दुल भाई’जान।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें तस्वीर से जुड़ी कोई जानकारी या न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने एआई टूल हाइव मोडरेशन पर सर्च किया। हमने फोटो को टूल पर अपलोड कर सर्च किया। टूल ने फोटो को 99 फीसदी एआई जनरेटेड बताया है। 

हमने एक अन्य टूल साइट इंजिन पर जाकर भी फोटो के बारे में सर्च किया। इस टूल ने भी तस्वीर को 99 फीसदी एआई से बनाया गया बताया है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने एआई प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने तस्वीर को एआई टूल की मदद से बनाया गया बताया है। 

अंत में हमने फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को करीब 7.4 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते शख्स की वायरल तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वायरल तस्वीर असली नहीं, बल्कि आर्टिफिशयल इंटेलिजेंट की मदद से बनाई गई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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