Fact Check : मेरठ के छेड़छाड़ के वीडियो को दिल्‍ली का बताकर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग एक युवक को बुरी तरह मारते हुए दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि युवक का नाम कारी ओवैस था। उसे पुरानी दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर पीट-पीट कर मार डाला गया है। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो दिल्‍ली नहीं, बल्कि यूपी के मेरठ का है। जिस युवक की पिटाई हुई, उसका नाम उमर था। उसने बस में एक लड़की के साथ छेड़छाड़ की थी। जिसके बाद उसकी लोगों ने पिटाई कर दी। फिलहाल युवक पर मुकदमा दर्ज करके जेल भेजा जा चुका है। घटना 26 अगस्‍त को मेरठ के दिल्‍ली रोड पर घटी थी। मेरठ के वीडियो को दिल्‍ली में घटी एक घटना से जोड़कर वायरल किया जा रहा है। जो कि गलत है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर इस्‍ताक अली शाह ने एक युवक की पिटाई का वीडियो अपलोड करते हुए लिखा, “देश मे दरिंदगी फिर एक मोब लिंचिंग, पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ‘कारी ओवैस’ नामी नौजवान को पीट पीट कर मार डाला गया है, ओवैस वहां हेडफोन खरीदने गया था, जहा कुछ कहा सुनी हुई और भीड़ ने उसे जान से मार दिया। परसो raat की बात है।”

इस वीडियो दूसरे कई यूजर्स भी सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर गलत दावे के साथ अपलोड कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास टीम ने वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए पूरे वीडियो को ध्‍यान से देखा। 30 सेकंड के इस वीडियो में मौजूद साउंड की क्‍वालिटी को जानबूझ कर बिगाड़ दिया गया, ताकि इससे अंदाजा न लग पाए कि वीडियो कहां का है। इस वीडियो में भीड़ को एक व्‍यक्ति को बुरी तरह पीटते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास टीम ने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले और फिर उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। काफी सर्च के बाद हमें एक खबर याहू न्‍यूज पर मिली। 26 अगस्‍त 2019 को पब्लिश इस न्‍यूज में बताया गया कि यूपी के मेरठ में भीड़ ने एक व्‍यक्ति को बुरी तरह पीटा। इस युवक पर आरोप था कि बस में एक लड़की को छेड़ा था। पीड़िता ने यह बात अपने घरवालों को बताया। इसके बाद आरोपी युवक की भीड़ ने पिटाई कर दी। बाद में पुलिस ने आरोपी को अरेस्‍ट कर लिया।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने दैनिक जागरण के मेरठ संस्‍करण के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें 27 अगस्‍त के ईपेपर में एक खबर मिली। खबर में जिस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था, उसमें दिख रहे शख्‍स हमें वायरल वीडियो में भी दिखे। खबर में बताया गया कि मेरठ में बस में एक युवक युवती के साथ छेड़छाड़ करता रहा। परिवार के लोगों ने दिल्‍ली रोड पर बस को रुकवाया और आरोपित की जमकर पिटाई की। युवक का नाम उमर था।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ओरिजनल क्‍वालिटी के वीडियो को सर्च करना शुरू किया। आखिरकार हमें Twitter पर ओरिजनल वीडियो मिला। इसमें लोग छेड़छाड़ के आरोपी को गाली देते हुए लगातार पीटते हुए दिखे। वीडियो को जब हमने जूम करके देखा तो हमें पीछे एक इमारत पर सारा होटल लिखा हुआ नजर आया।

जब हमने गूगल में सारा होटल सर्च किया तो हमें वही बोर्ड गूगल पर भी मिला, जो वायरल वीडियो में नजर आ रहा था।

इसके बाद हमने गूगल मैप में वह जगह खोजने का प्रयास किया, जहां छेड़छाड़ के आरोपी को पीटा गया था। इसके लिए हमने गूगल मैप में सारा होटल सर्च किया तो हमें घटना वाली लोकेशन भी मिल गई।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास टीम ने मेरठ के एसएसपी अजय साहनी से बात की। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो मेरठ का है। बस में एक युवक एक युवती के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। प‍रिजनों ने उसकी पिटाई करके पुलिस को सौंप दिया था। इस घटना में कहीं भी सांप्रदायिक एंगल नहीं था।

अब बारी थी उस शख्‍स की सोशल स्‍कैनिंग करने की, जिसने मेरठ के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए दिल्‍ली के नाम से वायरल किया। इस्‍ताक अली शाह नाम के यूजर ने जून 2018 में अपना फेसबुक अकाउंट बनाया था। यूजर हरियाणा के गुरुग्राम का रहले वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला दिल्‍ली के नाम पर वायरल वीडियो यूपी के मेरठ का है। इसे गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। 26 अगस्‍त को मेरठ के दिल्‍ली रोड पर एक युवक की छेड़छाड़ के आरोप में पिटाई हो गई थी। उसी वक्‍त किसी ने यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया।

पूरा सच जानें…

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Misleading
Symbols that define nature of fake news
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