नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पानी के अंदर डूबे हुए एक मंदिर के अवशेष को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर एक वीडियो को इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि यह जलमग्न हुई द्वारका का दुर्लभ वीडियो है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। वायरल वीडियो कम्यूटर की मदद से बनाया गया है। इसे 3 डी एनिमेशन कहते हैं।
फेसबुक पेज ‘एक कदम सत्य सनातन की ओर’ ने एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, “जलमग्न हुई द्वारका की दुर्लभ तस्वीर…।”
वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के बारे में जानने के लिए सबसे पहले इनविड टूल का इस्तेमाल किया। इसकी मदद से कई कीफ्रेम्स निकाले गए। फिर इन्हें गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। यह वीडियो हमें कई जगह मिला। ट्रेवन ऑवर इंडिया नाम के एक फेसबुक पेज पर 2 अप्रैल को वीडियो को अपलोड करते हुए इसे 3डी एनिमेशन बताया गया। साथ में इसे बनाने वाले आर्टिस्ट का भी जिक्र पोस्ट में किया गया।
यहां से जांच को आगे बढ़ाते हुए आर्ट बाय राम art_by_ram नामक इंस्टागाम हैंडल का रूख किया । इस वीडियो के कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा गया कि खोया हुआ मंदिर…द्वारका के असली शहर की प्रेरणा से 3डी में बनाया गया। इस वीडियो को 20 मार्च को अपलोड किया गया।
जांच को आगे बढ़ाते हुए art_by_ram अकाउंट के बारे में जानकारी जुटाना शुरू किया गया। इनकी प्रोफाइल के अनुसार, श्री राम एक आर्ट स्टूडेंट हैं। इनके अकाउंट को पचास हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक 3डी एनिमेटर है।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए वायरल वीडियो को द्वारका के पुजारी जीतू गौर के साथ भी शेयर किया। उन्होंने बताया कि यह जलमग्न द्वारका का असली वीडियो नहीं है। यह एडिटेड है।
द्वारका के 3 डी वीडियो बनाने वाले आर्टिस्ट श्रीराम से भी संपर्क किया गया है। इनका जवाब आने के बाद इस फैक्ट चेक खबर को अपडेट किया जाएगा।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए जलमग्न द्वारका के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की। भारत तक से लेकर डिस्कवरी प्लस इंडिया और बीबीसी रील के यूट्यूब चैनल पर इसके बारे में जानकारी मिली। इन चैनलों पर मौजूद वीडियो और वायरल वीडियो में काफी अंतर देखने को मिला। इससे यह पूरी तरह साफ हो गया कि वायरल वीडियो असली नहीं है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग की गई। फेसबुक पेज ‘एक कदम सत्य सनातन की ओर’ को 450 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह साबित हुआ कि द्वारका के जलमग्न मंदिर के नाम पर वायरल वीडियो एक कलाकार की कल्पना है। इसे कम्यूटर की मदद से तैयार किया गया है।
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