Fact Check : शराब बिक्री को लेकर रतन टाटा के नाम से सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हुआ मनगढ़ंत बयान 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी है। उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उनके नाम से कोई फेक बयान वायरल हुआ हो। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर उद्योगपति रतन टाटा के नाम से एक कथित बयान वायरल हो रहा है। पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि रतन टाटा ने कहा है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड देखकर होनी चाहिए, क्योंकि जो शराब खरीद सकते हैं, वो अनाज भी खरीद सकते हैं। ऐसे लोगों की सरकारी खाद्य सब्सिडी बंद कर देनी चाहिए।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी है। उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उनके नाम से कोई फेक बयान वायरल हुआ हो। पहले भी कई बार इस तरह के बयान उनके नाम से वायरल हो चुके हैं। विश्वास न्यूज ने हर बार दावों की जांच कर सच्चाई सामने रखी है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर संतोष यादव ने 20 मार्च 2023 को वायरल पोस्ट को शेयर किया है। पोस्ट पर रतन टाटा की तस्वीर के नीचे लिखा हुआ है, “RATAN TATA JI कहते है कि शराब की बिक्री आधार कार्ड पर होना चाहिये, जो शराब खरीदता है उसकी खाद्य सब्सिडी बन्द कर देनी चाहिये, क्योंकि जो जो शराब खरीद सकता है वो अनाज भी खरीद सकता है।”

पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल बयान से जुड़ी कई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। नईदुनिया पर 5 सितंबर 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने वायरल बयान का खंडन किया है। 

हिंदुस्तान टाइम्स पर 4 सितंबर 2021 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी डालकर वायरल दावे का खंडन किया था। स्टोरी के स्क्रीनशॉट को रिपोर्ट में देखा जा सकता है। 

एनडीटीवी, न्यूज 18 और इंडियन एक्सप्रेस ने भी इस रिपोर्ट को प्रकाशित किया है। 

अधिक जानकारी के लिए हमने टाटा के प्रवक्ता देबाशीष रे से संपर्क किया। उन्होंने वायरल बयान का खंडन करते हुए कहा, “यह पोस्ट फेक है। इस तरह का कोई बयान रतन टाटा की तरफ से नहीं दिया गया है।”

विश्वास न्यूज पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चुका है, जिसे आप इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 

पड़ताल के अंत में हमने इस वीडियो को शेयर करने वाले यूजर संतोष यादव की जांच की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर  झांसी का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर के 1,272 मित्र और 134 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रतन टाटा के नाम से वायरल बयान फर्जी है। उन्होंने इस तरह का कोई बयान नहीं दिया है। ऐसा पहली बार नहीं है, जब उनके नाम से कोई फेक बयान वायरल हुआ हो। 

False
Symbols that define nature of fake news
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