नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर तीन तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है। इसे वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि जर्मनी में भगवान नरसिम्हा की मूर्ति मिली है। कार्बन डेटिंग से पता चला कि यह 35 हजार से लेकर 40 हजार साल तक पुरानी हो सकती है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि कोलाज में इस्तेमाल की गई पहली तस्वीर पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित मायापुर मंदिर के भगवान नरसिंह की है, जबकि दूसरी मूर्ति जर्मनी की एक गुफा में मिली लॉयन मैन की है। यह करीब चालीस हजार साल पुरानी है।
फेसबुक यूजर अभिमन्यु कुमार ने 7 अक्टूबर को एक कोलाज पोस्ट किया। इसमें दो अलग-अलग तस्वीरों को इस्तेमाल किया गया। साथ में लिखा गया : ‘BHAGWAN NARASIMHA SCULPTURE FOUND IN GERMANY. IT IS DETERMINED BY CARBON DATING THAT IT IS 35,000 TO 40,000 YEARS OLD. WE CAN THINK BY THIS HOW VAST OUR CULTURE WAS SPREAS BEFORE HISTORY WAS DISTORTED.
वायरल पोस्ट के क्लेम को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच के लिए सबसे पहले कोलाज को दो हिस्सों में बांटा। पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करने पर हमें ओरिजनल तस्वीर एक वेबसाइट पर मिली। इसे लेकर बताया गया कि यह श्रीधाम मायापुर में भगवान नरसिम्हादेव के अभिषेक की है। इसे 7 मई 2009 को अपलोड किया गया था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गूगल में मायापुर नरसिम्हा टाइप करके सर्च किया। हमें यूट्यूब पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में वही प्रतिमा नजर आई, जो वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई। वीडियो के अनुसार, यह 2016 में नरसिम्हा चतुदर्शी का वीडियो है। यह मंदिर मायापुर में स्थित है।
सर्च के दौरान हमें मायापुर मंदिर की वेबसाइट मिली। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल के नादिया में इस्कॉन मायापुर मंदिर है
अब बारी थी वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई दूसरी तस्वीर की सच्चाई जानने की। इसके लिए इसे हमने गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें एक वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली। इसे लेकर बताया गया कि होहलेनस्टीन-स्टेडेल का लॉयन मैन होमो सेपियंस द्वारा कला का सबसे पुराना ज्ञात टुकड़ा है। यह मूर्ति लगभग 30,000 साल पहले की है।
सर्च के दौरान ब्रिटिश म्यूजियम की वेबसाइट पर भी हमें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती तस्वीर मिली। इसे लेकर बताया गया कि लॉयन मैन की यह प्रतिमा जर्मनी में 1939 में एक गुफा में मिली थी। यह करीब चालीस हजार साल पुरानी है। इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां पढ़ा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए मायापुर मंदिर के श्यामा गोपिका देवी दासी से बात की। उन्होंने स्पष्ट करते हुए बताया कि वायरल पोस्ट में उनके मंदिर की एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। इसका जर्मनी से कोई संबंध नहीं है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर अभिमन्यु कुमार देहरादून में रहते हैं। इनके अकाउंट पर चार हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। वायरल कोलाज में इस्तेमाल की गई पहली तस्वीर भारत के पश्चिम बंगाल के इस्कॉन मायापुर मंदिर की है। जबकि बाकी तस्वीर जर्मनी की एक गुफा में मिली लॉयन मैन की है। इसका भगवान नरसिम्हा से कोई संबंध नहीं है। इसलिए यह पोस्ट फर्जी है।
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