राहुल गांधी और राजीव गांधी के पिता-पुत्र संबंध पर आपत्तिजनक दावे के साथ वायरल हो रहा न्यूज क्लिप एडिटेड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा के साथ टूल की मदद से तैयार किया गया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अखबार में छपी एक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें राहुल गांधी की तस्वीर लगी हुई है। इस पोस्ट में किसी अमेरिकी डीएनए विशेषज्ञ के हवाले से राहुल गांधी की पहचान के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि राहुल गांधी की पहचान को लेकर पोस्ट में किया गया दावा फेक और मनगढ़ंत है, जिसे राहुल गांधी के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। साथ ही इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा खबर का स्क्रीनशॉट कहीं प्रकाशित खबर की नहीं है, बल्कि एडिटिंग टूल की मदद से तैयार किया गया है। ऐसे कई टूल हैं, जिसकी मदद से किसी सूचना को न्यूजपेपर में छपी खबर की तरह तैयार किया जा सकता है।
सोशल मीडिया यूजर ‘हर्ष संगल’ ने वायरल ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें राहुल गांधी के पिता के बारे में डीएनए विशेषज्ञ के हवाले से दावा किया गया है।
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने भी इस ग्राफिक्स (आर्काइव लिंक) को समान दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल पोस्ट में नजर आ रहे स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे नहीं हैं और ऐसा दावा अमेरिकी डीएनए विशेषज्ञ मार्टिन सिजो ने किया है।
सर्च में हमें मार्टिन सिजो जैसे किसी डीएनए विशेषज्ञ के बारे में जानकारी नहीं मिली। दूसरा “न्यूज डेस्क, दिल्ली” बाइलाइन से लिखी गई खबर से यह प्रतीत हो रहा है कि यह किसी अखबार में छपी खबर है। हालांकि, इसमें वाक्य विन्यास की ऐसी कई गलतियां है, जो आम तौर पर किसी भी प्रकाशित खबर में नहीं होती। इससे यह स्पष्ट होता है कि इसे किसी टूल की मदद से तैयार कर बनाया गया है।
यह डिजिटली क्रिएटेड फेक इमेज है। ऐसे कई टूल्स और वेबसाइट उपलब्ध हैं, जिसकी मदद से किसी अखबार में छपी प्रकाशित खबर की तर्ज पर उसकी फोटो तैयार की जा सकती है। इससे पहले भी बॉस्टन टाइम्स के हवाले से ऐसी ही तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें दावा किया गया था कि ड्रग्स के मामले में राहुल गांधी को बॉस्टन में गिरफ्तार किया जा चुका है।
वायरल दावे को लेकर हमने उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी से संपर्क किया। त्यागी ने कहा, “यह हमारे लीडर के खिलाफ संस्थागत दुष्प्रचार की कोशिश है। यह कुछ नहीं, बल्कि ‘भारत जोड़ो’ यात्रा की सफलता और कर्नाटक चुनाव में हार के बाद की बौखलाहट है।”
कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का एक वीडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसे लेकर दावा किया गया था कि राहुल गांधी को ‘सत्याग्रह’ के बारे में पता नहीं है। विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया था और इस दावे के साथ वायरल क्लिप एडिटेड था।
एडिटेड न्यूज क्लिप को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल विचारधारा विशेष से प्रेरित है।
निष्कर्ष: राहुल गांधी और राजीव गांधी के पिता-पुत्र संबंध पर आपत्तिजनक दावे के साथ वायरल हो रहा न्यूज क्लिप एडिटेड है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा के साथ टूल की मदद से तैयार किया गया है।
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