मासिक तौर पर समग्र जीएसटी डेटा को जारी नहीं किए जाने के फैसले का बचाव करती महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नहीं बल्कि एक आर्टिस्ट हैं और उनके व्यंग्य के वीडियो को डिजिटली ऑल्टर्ड कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। गौरतलब है कि जीएसटी के समग्र आंकडों को मासिक तौर पर जारी नहीं किए जाने के बारे में सरकार की तरफ से कोई आधिकरिक जानकारी नहीं दी गई है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सरकार की तरफ से जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के समग्र आंकड़ों की मासिक रिलीज बंद किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रही महिला देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण है और वे जीएसटी को ‘गोपनीय सूचना टैक्स’ बताते हुए उसके आंकड़ों को मासिक तौर पर रिलीज नहीं किए जाने का कारण बता रही हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। वायरल वीडियो में नजर आ रही महिला निर्मला सीतारमण नहीं, बल्कि एक आर्टिस्ट है, जो अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से राजनीतिक मामलों पर व्यंग्य के वीडियो को साझा करते रहती हैं। यह वीडियो भी उसी व्यंग्य का हिस्सा है, जिसमें सरकार की तरफ से समग्र जीएसटी डेटा को मासिक तौर पर रिलीज नहीं किए जाने के फैसले पर तंज कसा गया है। हालांकि, इस वीडियो में उनके चेहरे को निर्मला सीतारमण के चेहरे से बदल दिया गया है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, जून के जीएसटी का डेटा औपचारिक तौर पर प्रेस रिलीज के रूप में शेयर नहीं किया गया, बल्कि इसे अनौपचारिक तौर पर रिपोर्टर्स को दे दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, अब आगे से जीएसटी संग्रह के आंकड़ों को ऐसे ही शेयर किया जाएगा।
सोशल मीडिया यूजर ‘Devendra Surjan’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “GST को गोपनीय रखने के पीछे का कारण स्वयं वित्त मंत्री से सुनिए।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि इसमें नजर आ रही महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नहीं हैं। साथ ही वह जीएसटी डेटा को लेकर जिस तरह से बात कर रही हैं, वह व्यंग्य जैसा है।
वायरल वीडियो के ऑरिजिलन सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली और सर्च में हमें यह वीडियो ‘Garima’ नाम के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला।
वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन में यह कहा गया है, “निर्दया जी बता रही हैं कि क्यों सरकार जीएसटी डेटा को सार्वजनिक नहीं कर सकती। साथ ही यह भी सुनें कि उनके दिमाग में नए टैक्स को लेकर क्या विचार हैं।”
चैनल के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह सटायर और पैरोडी एंटरटेनमेंट चैनल है, जहां किसी व्यक्ति विशेष का नाम लिए हुए अपनी बात रखी जाती है।
हमें इस चैनल पर ऐसे कई अन्य वीडियो मिले, जिनमें राजनीतिक मामलों पर तंज कसा गया है। इसी नाम से बने इंस्टाग्राम और एक्स अकाउंट पर भी ऐसे वीडियो को देखा जा सकता है।
हमें एक्स पर उनका एक पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने अपना ऑरिजिनल वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “आप सभी को नमस्कार! कृपया ध्यान दें, यह मेरा ऑरिजिनल वीडियो है। एक एआई वीडियो मेरे नाम पर फैलाया जा रहा है। मैं आप सभी से निवेदन करती हूं कि आप ऑरिजिनल वीडियो को शेयर करें न कि छेड़छाड़ किए गए वीडियो को, क्योंकि मैंने किसी को मेरे वीडियो को डिजिटली ऑल्टर कर उसका इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है।”
यहां दर्शाए गए कोलाज में वायरल वीडियो और डिजिटली ऑल्टर्ड वीडियो के अंतर को साफ-साफ देखा जा सकता है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जीएसटी का डेटा जारी करना बंद कर दिया है। द हिंदू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी की व्यवस्था लागू होने के बाद से हर महीने की पहली तारीख को इसके आंकड़ें जारी किए जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जून महीने में जीएसटी आंकड़ा 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8 फीसदी अधिक है। सरकार की तरफ से इस डेटा को मासिक तौर रिलीज न किए जाने का कोई कारण नहीं बताया गया है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने बिजनेस स्टैंडर्ड के डिप्टी न्यूज एडिटर नीलकमल सुंदरम से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि जीएसटी के मासिक रूप से आंकड़े जारी करना बंद करने की आधिकारिक वजह अब तक सामने नहीं आई है।
न्यूज सर्च में भी हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें वित्त मंत्री की तरफ से इस फैसले पर किसी टिप्पणी का जिक्र हो। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दो हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। बिजनेस और अर्थव्यवस्था से संबंधित अन्य वायरल दावों की फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के बिजनेस सेक्शन में पढ़ा जा सकता है। साथ ही इन मुद्दों से संबंधित एक्सप्लेनर आर्टिकल को भी यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: मासिक तौर पर समग्र जीएसटी डेटा को जारी नहीं किए जाने के फैसले का बचाव करती महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नहीं बल्कि एक आर्टिस्ट हैं और उनके व्यंग्य के वीडियो को डिजिटली ऑल्टर्ड कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। गौरतलब है कि जीएसटी के समग्र आंकडों को मासिक तौर पर जारी नहीं किए जाने के बारे में सरकार की तरफ से कोई आधिकरिक जानकारी नहीं दी गई है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।