उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में संत रविदास मंदिर को गिराए जाने के साथ वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है। राजस्व विभाग की टीम ने मंदिर से काफी दूर रास्ते के बीच में आ रही अवैध दीवार को गिराया था और इसी घटना के वीडियो को मंदिर को गिराए जाने के गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दावा किया जा रहा है, यह उत्तर प्रदेश के बिजनौर का है, जहां पुलिस ने संत रविदास के मंदिर को गिरा दिया। वायरल वीडियो को रिकॉर्ड करने वाले व्यक्ति को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि पुलिस स्थानीय मुखिया (जो अन्य जाति का है) की मदद से मंदिर को गिरा रही है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और तथ्यहीन साबित हुआ। वायरल हो रहा वीडियो बिजनौर के बांकपुर गांव का है, लेकिन वहां किसी मंदिर को नहीं गिराया गया, बल्कि राजस्व विभाग ने मंदिर से काफी दूर एक दीवार के टुकड़े को गिराया, जो सड़क के बीच अवैध अतिक्रमण था। इसी घटना के वीडियो को मंदिर गिराए जाने के भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया गया।
सोशल मीडिया यूजर ‘Devdatt Singh’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “जय भीम साथियों यह वीडियो है बिजनौर की वही रविदास जी का मंदिर पुलिस प्रशासन और वहां का प्रधान तोड़ रहे हैं गांव के लोगों को डराया जाता धमकाया जा रहा है पुलिस प्रशासन की तरह सभी साथियों से निवेदन है इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।”
कई अन्य सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
सोशल मीडिया सर्च में हमें ‘Bijnor Police’के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इस दावे का खंडन करती हुई जानकारी मिली। पुलिस ने थाना कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के अंतर्गत बांकपुर से संबंधित भ्रामक वायरल वीडियो का खंडन करते हुए कहा, “सोशल मीडिया पर कुछ लोगों द्वारा एक भ्रामक वीडियो वायरल किया है, जिसमें कहा जा रहा है कि संत रविदास जी का मंदिर जो थाना कोतवाली देहात क्षेत्रान्तर्गत ग्राम बांकपुर में पड़ता है, उसको क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। इस संबंध में अवगत कराना है कि दिनांक 31.07.2023 को राजस्व विभाग की टीम मंदिर से काफी दूर एक दीवार का टुकड़ा, जो रास्ते पर पड़ता है, उसे अवैध अतिक्रमण मानते हुए राजस्व विभाग की टीम ने उसे हटा दिया। इसी संबंध में कुछ शरारती तत्वों ने वीडियो को वायरल कर दिया। पुलिस अधीक्षक द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण व स्थानीय पुलिस के साथ स्थलीय निरीक्षण किया गया है और गांव वालों से बात की गई, जिन्होंने इसका खंडन किया और वीडियो को भ्रामक बताया। मंदिर पूर्ण रूप से सुरक्षित है और उस पर किसी प्रकार की कोई हानि नहीं पहुंची है। ये दीवार का टुकड़ा मंदिर से लगभग 50 मीटर की दूरी पर है।”
बिजनौर पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से जिला पुलिस अधीक्षक का वीडियो बयान भी जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने मंदिर को गिराए जाने के दावे का खंडन करते हुए उसे सुरक्षित बताया है। साथ ही इस मामले में भ्रामक दावे के साथ वीडियो को शेयर करने वाले यूजर्स को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
बिजनौर पुलिस ने इस मामले के वीडियो को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर की पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए वीडियो को हटाने की चेतावनी भी दी है।
विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर थाना कोतवाली देहात से संपर्क किया। पुलिस अधिकारी जयवीर सिंह ने बताया, “वायरल वीडियो में मंदिर को गिराए जाने का दावा गलत है। साथ ही इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिन्होंने इस मामले के वीडियो को गलत दावे के साथ फैलाया।” उन्होंने बताया कि इस मामले में किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में संत रविदास मंदिर को गिराए जाने के साथ वायरल हो रहा वीडियो भ्रामक है। राजस्व विभाग की टीम ने मंदिर से काफी दूर रास्ते के बीच में आ रही अवैध दीवार को गिराया था और इसी घटना के वीडियो को मंदिर को गिराए जाने के गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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