Fact Check : इनकम टैक्स भुगतान पर पीएम मोदी के पुराने स्पीच के एडिटेड अंश को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि  टैक्स चोरी के बारे में बाते करते पीएम मोदी का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तीन साल पुराना है। साल 2020 में टाइम्स नाउ की एक समिति से पीएम मोदी ने टैक्स चोरी और टैक्स के आंकड़ों को लेकर बातचीत की थी। वायरल वीडियो उसी समिति का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ भ्रम फैलाने के लिए शेयर किया जा रहा है। 

Fact Check : इनकम टैक्स भुगतान पर पीएम मोदी के पुराने स्पीच के एडिटेड अंश को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। टैक्स चोरी पर बोलते हुए पीएम मोदी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर हालिया बताते हुए सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं। उन्होंने देश के नाम ये संदेश जारी कर बताया है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तीन साल पुराना है। साल 2020 में टाइम्स नाउ की एक समिति में पीएम मोदी ने टैक्स चोरी और टैक्स के आंकड़ों को लेकर बातचीत की थी। वायरल वीडियो उसी समिति का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ भ्रम फैलाने के लिए शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर वी द पीपुल ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “कुछ बड़ा करने से पहले सचेत कर दिया है, मोदीजी ने। फिर मत कहना कि सचेत नहीं किया। कुछ बहुत ही बड़ा होने वाला है। आय-व्यय के पैटर्न पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। साहेब के इस संबोधन को बहुत ग़ौर से सुनना – कथन में छुपे संदेश को समझने का प्रयास करना!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

https://twitter.com/NILESHPRAJAPAT/status/1640060446991581184

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो पीएमओ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। वीडियो को 12 फरवरी 2020 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी दिल्ली में टाइम्स नाउ की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर बातचीत की थी। अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया था। साथ ही उन्होंने यह भी बताया था कि किस तरह से लोगों को टैक्स भरने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जिसका समाधान उनकी सरकार ने निकाला। इसके बाद वो टैक्स के आंकड़ों के बारे में बताते हुए टैक्स चोरी की बात करते हुए कहते हैं कि आपको जानकर हैरानी होगी कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं। 26.50 से वायरल वीडियो वाले हिस्से को सुना जा सकता है। 

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिली। टाइम्स नाउ की वेबसाइट पर 12 फरवरी 2020 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, “पीएम मोदी ने टैक्स को लेकर कहा था कि पांच लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स का लाभ भी छोटे शहरों को बहुत अधिक हुआ है। MSME को बढ़ावा देने के लिए जो फैसले हमने लिए उसका लाभ भी इन्हीं शहरों के उद्यमियों को सबसे ज्यादा हुआ है। पिछले पांच साल में देश में 1.5 करोड़ से ज्यादा कारों की ब्रिकी हुई है। तीन करोड़ से ज्यादा भारतीय बिजनेस के काम से या घूमने के लिए विदेश गए, लेकिन स्थिति ये है कि 130 करोड़ से ज्यादा के हमारे देश में सिर्फ 1.5 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स देते हैं।”

अन्य न्यूज रिपोर्ट्स को यहां पर पढ़ा जा सकता है। 

अधिक जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने भाजपा के प्रवक्ता अवनीश त्यागी से बात की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो काफी पुराना है। लोगों के बीच भ्रम फैलाने के लिए इस वीडियो को गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। 

आखिर में विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो को शेयर करने वाले यूजर वी द पीपुल ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमने पाया कि यूजर के 1,120 मित्र और 111 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि  टैक्स चोरी के बारे में बाते करते पीएम मोदी का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि तीन साल पुराना है। साल 2020 में टाइम्स नाउ की एक समिति से पीएम मोदी ने टैक्स चोरी और टैक्स के आंकड़ों को लेकर बातचीत की थी। वायरल वीडियो उसी समिति का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ भ्रम फैलाने के लिए शेयर किया जा रहा है। 

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