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Fact Check: नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष के पुराने बयान को हालिया बताकर भ्रामक दावे से किया जा रहा वायरल

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार का 2019 में तरलता संकट के संदर्भ में दिए गए पुराने बयान को हालिया बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर हिंदी अखबार की एक खबर का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने बयान देते हुए कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था 70 सालों के सबसे खराब दौर में है। पोस्ट को शेयर किए जाने के समय से यह प्रतीत हो रहा है कि यह उनका हालिया बयान है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा बयान सही है, लेकिन उसका संदर्भ अलग है और यह पुरानी खबर से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है। वायरल हो रहा यह बयान वर्ष 2019 का है, जब उन्होंने वित्तीय तंत्र में तरलता संकट को लेकर अपने विचार रखे थे।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर (आर्काइव लिंक)’All India advocates & judges’ ने अपनी प्रोफाइल से 18 अप्रैल को एक हिंदी अखबार के स्क्रीनशॉट को शेयर किया है, जिसमें लिखी गई खबर के मुताबिक, ”नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था 70 सालों के सर्वाधिक खराब दौर में हैं।”

सोशल मीडिया पर भ्रामक दावे से वायरल हो रही खबर

कई अन्य यूजर्स ने इस खबर को सच मानते हुए समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

नीति आयोग कीवर्ड के आधार पर सर्च करने पर कई खबरें मिली, जिसमें नीति आयोग के उपाध्यक्ष के तौर पर अर्थशास्त्री सुमन बेरी को नियुक्त किए जाने की सूचना है। खबरों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य सुमन बेरी एक मई को राजीव कुमार (नीति आयोग के मौजूद उपाध्यक्ष) की जगह लेंगे। अगस्त 2017 में अरविंद पनगढ़िया की जगह लेने वाले कुमार ने कुछ दिनों पहले ही अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने डॉ. सुमन बेरी को उनकी जगह नियुक्त किया है।

हालांकि, सर्च में ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें नीति आयोग के उपाध्यक्ष के वायरल बयान का जिक्र हो। सर्च में कई पुरानी खबरें जरूर मिलीं, जिसमें वायरल बयान का जिक्र है। अमर उजाला की वेबसाइट पर 23 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर की हेडलाइन हूबहू (नीति आयोग के उपाध्यक्ष बोले : 70 साल में सबसे खराब दौर में अर्थव्यवस्था) वही है, जो वायरल खबर में नजर आ रहा है।

अमर उजाला की वेबसाइट पर 23 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कुमार ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में जारी संकट का असर अब आर्थिक विकास पर भी दिखने लगा है। ऐसे में निजी क्षेत्र को निवेश के लिए प्रोत्साहित किए जाने की जरूरत है, ताकि मध्य वर्ग की आमदनी में इजाफा हो सके। इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी दिखेगा। उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में वित्तीय क्षेत्र की ऐसी हालत कभी नहीं रही है। निजी क्षेत्र में अभी कोई किसी पर भरोसा नहीं कर रहा और न ही कोई कर्ज देने को तैयार है। हर क्षेत्र में नकदी और पैसों को जमा किया जाने लगा है। इन पैसों को बाजार में लाने के लिए सरकार को अतिरिक्त कदम उठाने होंगे।’

एनडीटीवी की वेबसाइट पर 24 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर में कुमार के बयान का जिक्र है और इस खबर से उनके बयान का संदर्भ भी पूरी तरह से स्पष्ट होता है।

NDTV की वेबसाइट पर 24 अगस्त 2019 को प्रकाशित खबर

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘मौजूद आर्थिक सुस्ती को अभूतपूर्व स्थिति बताते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा पिछले 70 सालों में हमने ऐसी तरलता संकट का सामना नहीं किया, जहां पूरी वित्तीय व्यवस्था मंथन के दौर से गुजर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘सरकार पूरी तरह से मानती है कि समस्या वित्तीय क्षेत्र में है। तरलता, दिवालियेपन में बदल रही है। इसलिए आपको इसे रोकना होगा।’

एएनआई के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उनके बयान का वीडियो भी जारी किया गया है, जिसमें उनके पूरे बयान को संदर्भ में सुना जा सकता है।

कुमार का यह बयान हीरो एंटरप्राइज की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा था। उन्होंने कहा था, ‘सरकार यह मानती है कि समस्या वित्तीय क्षेत्र में है और तरलता, दीवालियेपन में बदल रही है…और यह 70 सालों में अभूतपूर्व स्थिति है, जब इस तरह की तरलता संकट का सामना किया जा रहा हो।’

हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार के तरलता संकट से संबंधित पुराना बयान हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे से वायरल हो रहा है। विश्वास न्यूज ने इस मामले को लेकर जागरण न्यू मीडिया में बिजनेस डेस्क के डिप्टी एडिटर मनीष कुमार मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने कहा, ‘राजीव कुमार का यह बयान पुराना और एक संदर्भ विशेष में दिया गया बयान है।’

वायरल पोस्ट को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दो लाख लोग फॉलो करते हैं। इससे पहले भी भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक पुरानी खबर को संदर्भ से अलग कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया गया था, जिसकी पड़ताल विश्वास न्यूज ने की थी।

निष्कर्ष: नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार का 2019 में तरलता संकट के संदर्भ में दिए गए पुराने बयान को हालिया बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

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