X
X

Fact Check: 2016 की केजरीवाल की पुरानी तस्वीर गुजरात चुनाव के संदर्भ में भ्रामक दावे से वायरल

2016 में पंजाब के संगरूर जिले में रमजान के दौरान मुस्लिमों के साथ नमाज पढ़े जाने की अरविंद केजरीवाल की पुरानी तस्वीर को गुजरात चुनाव के संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें वह नमाज पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। वायरल पोस्ट में कहा गया है कि गुजरात प्रवास के दौरान भारतीय नोटों पर गणपति और देवी सरस्वती की तस्वीर लगाए जाने की मांग करने के बाद जब केजरीवाल हैदराबाद आए तो नमाज पढ़ते नजर आए। दावे से यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने गुजरात में नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर लगाए जाने की मांग की और जब हैदराबाद आए तो नमाज की रस्म को अदा किया।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक और दुष्प्रचार निकला। यह तस्वीर 2016 की है, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रमजान के महीने में संगरूर के मलेरकोटला में नमाज अदा की थी। उनकी इसी पुरानी तस्वीर को हाल का बताकर भ्रामक संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Suman Madathil’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”गुजरात में रहने के दौरान भारतीय मुद्रा पर गणपति और सरस्वती की तस्वीर को लगाए जाने की मांग करने के बाद केजरीवाल जब हैदराबाद में आए तो उन्होंने यह किया।”

कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

गुजरात चुनाव के प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं और इस दौरान 26 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा था कि भारत में भी नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर होनी चाहिए।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट मुताबिक, गुजरात चुनाव से ठीक पहले हिंदुत्व का कार्ड खेलते हुए अरविंद केजरीवाल ने भारतीय नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की फोटो लगाए जाने की मांग की है।

एक अन्य न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, ‘गुजरात चुनाव में प्रचार में पहुंचे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने 26 अक्टूबर को प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर सरकार से मांग करते हुए कहा है कि इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है, वहां 2% से भी कम हिंदू हैं, लेकिन उन्होंने भी अपने नोट पर गणेश जी की तस्वीर छाप रखी है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसा करने से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा, ऐसी मुझे उम्मीद है। केजरीवाल ने कहा कि वह पीएम मोदी को इस संबंध में एक पत्र लिखने वाले है।’

वायरल तस्वीर को इसी संदर्भ में वायरल किया जा रहा है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि उन्होंने नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर छापे जाने की मांग के बाद मुस्लिमों को ध्यान में रखते हुए नमाज की रस्मी औपचारिकता को पूरा किया।

वायरल तस्वीर के मूल स्रोत को ढूंढने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली। सर्च में यह तस्वीर ‘AAP PUNJAB’ के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर लगी मिली, जिसे सात जुलाई 2016 को (आप सभी को ईद मुबारक हो संदेश के साथ) ट्वीट किया गया है।

सर्च में हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर भी मिली, जिसमें समान आयोजन की अन्य तस्वीरों को भी साझा किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर चार जुलाई 2016 की है, जब रमजान के दौरान संगरूर के मलेरकोटला में अरविंद केजरीवाल ने मुस्लिम लोगों के बीच जाकर प्रार्थना की थी।

Source-Getty Images

कई अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी इस तस्वीर को समान संदर्भ में इस्तेमाल किया गया है। वायरल तस्वीर को लेकर हमने पंजाब में काम करने वाले राजनीतिक विश्लेषक विनायक दत्त से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह तस्वीर 2016 की है, जब केजरीवाल ने संगरूर में रमजान के मौके पर मुस्लिमों के साथ दुआ की थी।

गुजरात चुनाव के संदर्भ में इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल की कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो चुके हैं, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को कोच्चि का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: 2016 में पंजाब के संगरूर जिले में रमजान के दौरान मुस्लिमों के साथ नमाज पढ़े जाने की अरविंद केजरीवाल की पुरानी तस्वीर को गुजरात चुनाव के संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ साझा किया जा रहा है। केजरीवाल की यह तस्वीर भारतीय नोटों पर लक्ष्मी और गणेश की तस्वीर लगाए जाने की मांग किए जाने के बाद की नहीं है।

  • Claim Review : गुजरात में नोटों पर लक्ष्मी-गणेश की तस्वीर लगाए जाने की मांग करने के बाद नमाज पढ़ते केजरीवाल।
  • Claimed By : FB User-Suman Madathil
  • Fact Check : भ्रामक
भ्रामक
फेक न्यूज की प्रकृति को बताने वाला सिंबल
  • सच
  • भ्रामक
  • झूठ

पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...

टैग्स

अपनी प्रतिक्रिया दें

No more pages to load

संबंधित लेख

Next pageNext pageNext page

Post saved! You can read it later