पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मुस्लिम पिता के सगी बेटी से शादी किए जाने की 2007 की खबर को हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर किसी हिंदी अखबार में छपी खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में एक मुस्लिम पिता ने अपनी बेटी से शादी कर उसे गर्भवती कर दिया। पोस्ट को शेयर किए जाने के समय से यह प्रतीत हो रहा है कि यह हाल में सामने आई किसी घटना से संबंधित है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल पोस्ट में जिस खबर का जिक्र है, वह पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की ही घटना है, लेकिन यह 2007 की घटना है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक और गुमराहपूर्ण दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘यह सदी हिंदुत्व का है’ ने वायरल पोस्ट (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”#पश्चिम_बंगाल
जिहादी अफजुद्दीन अली ने अपनी सगी #बेटी से किया निकाह, बेटी गर्भवती, बेटी की सगी माँ ने निकाह को अल्लाह का फरमान बताया।।
गुस्साए गाँव वालों ने पिता को जमकर कूटा। और पुलिस के हवाले किया। जिहादी को बचाने के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी कूदा।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस खबर के स्क्रीनशॉट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
न्यूज सर्च में वेबदुनिया डॉटकॉम की वेबसाइट पर न्यूज एजेंसी भाषा के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है। 20 नवंबर 2007 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, ”पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिले के काशियाझोरा गाँव में एक पिता का अपनी किशोरी बेटी के साथ विवाह करने का मामला सामने आया है। उसकी बेटी फिलहाल गर्भवती है। पिता का कहना है कि उसे ऐसा करने के लिए खुदा का निर्देश मिला है। इस बात का खुलासा कल उस समय हुआ, जब ग्रामीणों ने लड़की को पाँच महीने की गर्भवती पाया। पुलिस के अनुसार, उस समय तक ग्रामीणों को लड़की के विवाह के बारे में पता नहीं था। घटना से नाराज पड़ोसी लड़की के पिता अफिजुद्दीन अली (37) के पास गए। अली ने कहा कि उसने अपनी बड़ी बेटी से छह महीने पहले शादी की।”
रिपोर्ट के मुताबिक, ”अली के अनुसार, इसके लिए सपने में उसे खुदा की ओर से निर्देश प्राप्त हुआ था। अली दिहाड़ी मजदूरी का काम करता है और उसके पाँच बच्चे हैं।”
सर्च में हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर 20 नवंबर 2007 को प्रकाशित एक और रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना का जिक्र है और इस रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर वायरल पोस्ट के स्क्रीनशॉट से मिलती-जुलती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ”मामला सामने आने के बाद गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए बनेरहाट पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने अली, उसकी पत्नी और 15 वर्षीय बेटी को गिरफ्तार किया और उन्हें एसडीओ कोर्ट ले गई। हालांकि, मजिस्ट्रेट को उन्हें रिलीज करना पड़ा, क्योंकि यह आपराधिक क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला था।”
कई अन्य रिपोर्ट में भी इस घटना का जिक्र है। हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल पोस्ट के जरिए साझा की जा रही खबर 2007 की पुरानी घटना से संबंधित है, जिसे हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के सिलीगुड़ी के संपादक गोपाल ओझा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह 2007 की घटना है और समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहता है।
वायरल पोस्ट को गुमराहपूर्ण दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब दस हजार लोग फॉलो करते हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के लिहाज से 2022 उतार-चढ़ाव से भरा रहा और इस दौरान विश्वास न्यूज ने करीब 1500 से अधिक फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को प्रकाशित किया, जिनका विश्लेषण 2022 के Misinformation Trends की जानकारी देता है। विश्वास न्यूज की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मुस्लिम पिता के सगी बेटी से शादी किए जाने की 2007 की खबर को हालिया संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
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