Fact Check : पीएम मोदी के 8 साल पुराने वीडियो के एक अंश को एडिट कर दुष्प्रचार की मंशा से किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज की जांच में पीएम मोदी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है, जिसमें पीएम मोदी के पुराने इंटरव्यू के एक अंश को दिखाया जा रहा है। असल में पीएम मोदी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, हिंदू एक धर्म नहीं है, हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का 9 सेकेंड्स का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में पीएम मोदी कहते हुए नजर आ रहे हैं, “हम मानने को तैयार नहीं, हिंदू एक धर्म है।” सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि पीएम मोदी ने हिंदू धर्म का अपमान किया है। 

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक और पीएम मोदी के खिलाफ दुष्प्रचार निकला। वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है, जिसमें उनके पुराने इंटरव्यू के एक अंश को दिखाया जा रहा है। असल में पीएम मोदी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, हिंदू एक धर्म नहीं है, हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है। 

क्या है वायरल पोस्ट में ? 

फेसबुक यूजर अंजली चौहान ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “हम मानने को तैयार नही की हिंदू एक ‘धर्म’ है – श्री श्री श्री नरेंद्र मोदी।”

आकाईव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो टाइम्स नाउ चैनल के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 9 मई 2014 को अपलोड किया गया था। साल 2014 में पीएम मोदी ने पत्रकार अर्नब गोस्वामी को एक इंटरव्यू दिया था। जिसके एक अंश को एडिट कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

इंटरव्यू का ये पूरा वीडियो 1 घंटे 27 मिनट का है। इस वीडियो में 19वें मिनट पर देखा जा सकता है कि पत्रकार अर्नब गोस्वामी पीएम मोदी से सवाल पूछते हैं, “बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में लिखा है कि वो प्रताड़ित हिंदुओं के साथ है और इन्हें भारत में आश्रय मिलना चाहिए। यहां पर मैं ये पूछना चाहता हूं कि बीजेपी केवल प्रताड़ित हिन्दुओं को ही आश्रय देने की बात क्यों कर रही है? बौद्ध, सिख, जैन, मुसलमान या ईसाई क्यों नहीं?”

इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी कहते हैं, “हम मानते हैं कि इस देश में पले-बढे सभी हमारे ही लोग हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, हिंदू एक धर्म नहीं है, हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है, आप धर्म की बात कर रहे हैं, हम सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से चल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के हिसाब से हिंदू जीवनशैली है और उसमें न तो सिख का विरोध है न ही बौद्ध का।”

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक न्यूज रिपोर्ट Mumbai Mirror की वेबसाइट पर 8 मई 2014 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में भी यही जानकारी दी गई है।

अधिक जानकारी के लिए हमने बीजेपी के प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया।  उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। पीएम मोदी के पुराने वीडियो को दुष्प्रचार की मंशा से एडिट कर वायरल किया जा रहा है। हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई करेंगे। 

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेक दावे को शेयर करने वाले यूजर अंजली चौहान के फेसबुक हैंडल की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला के फेसबुक पर यूजर के चार हजार पांच सौ से ज्यादा मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पीएम मोदी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है, जिसमें पीएम मोदी के पुराने इंटरव्यू के एक अंश को दिखाया जा रहा है। असल में पीएम मोदी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, हिंदू एक धर्म नहीं है, हिन्दू जीवन जीने की एक शैली है।

False
Symbols that define nature of fake news
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