Fact Check: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में ट्रक में मिले बच्चे मदरसे में पढ़ते हैं, भ्रामक दावा वायरल
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस को एक ट्र्रक में से 63 बच्चे मिले थे। वे बिहार के अररिया से कोल्हापुर के मदरसे में जा रहे थे। उनके पास से पुलिस को पहचान पत्र मिले हैं। वे मदरसे में पढ़ते हैं। वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: May 24, 2023 at 04:47 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बच्चों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें एक ट्रक में कई बच्चों को देखा जा सकता है। वीडियो में पुलिसकर्मी बच्चों को ट्रक से उतार रहे हैं। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स 2.17 मिनट के वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक ट्रक में 63 मुस्लिम बच्चे मिले हैं। बच्चों ने बिहार से होने का दावा किया, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल का रेलवे टिकट पाया गया। यूजर्स इस वीडियो के जरिए यह भी दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश से रोहिंग्या को पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराया जाता है और वहां से देशभर में पहुंचाया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो के साथ भ्रामक दावा किया जा रहा है। दरअसल, ये बच्चे बिहार के अररिया के रहने वाले हैं। वहां से वह छुट्टियां खत्म होने के बाद वापस अपने मदरसे आ रहे थे। ये सभी ट्रेन से रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वहां से इनको ट्रक में मदरसा ले जाया जा रहा था। रास्ते में पुलिस ने ट्रक रोककर बच्चों को उसमें से उतारकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया। पुलिस ने बच्चों की तस्करी के आरोपों को गलत बताया है।
क्या है वायरल पोस्ट
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कुछ यूजर्स ने इस वीडियो को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।
फेसबुक यूजर ‘कुमार सुनील राजा‘ (आर्काइव लिंक) ने भी 20 मई को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा,
“आखिर क्या है प्लान”..? बहुत बड़ी साजिश की जा रही है देश के हिंदुओं के साथ
महाराष्ट्र कोल्हापुर : 63 मुस्लिम बच्चों को ले जा रहा एक ट्रक आज दोपहर 2 बजे रुइकर कॉलोनी (कोल्हापुर) के पास पकड़ा गया. बच्चों ने बिहार से होने का दावा किया, लेकिन उनके पास पश्चिम बंगाल का रेलवे टिकट पाया गया।
बांग्ला देश से रोहिज्ञा को पश्चिम बंगाल में प्रवेश कराया जाता हैं और वहां से देश भर में पहुंचाया जा रहा हैं । आखिर सरकार कर क्या रही हैं ?“
पड़ताल
वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे के बारे में जानने के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से गूगल पर ओपन सर्च किया। 18 मई 2023 को टीवी 9 की वेबसाइट पर इस बारे में खबर छपी है। इसमें वीडियो के एक कीफ्रेम का इस्तेमाल भी किया गया है। खबर में लिखा है, “महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक ट्रक में ठूसकर भरे गए 63 बच्चे मिले हैं। सभी बच्चे बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा से आ रहे थे। बच्चे पास के एक मदरसे में पढ़ते हैं। छुट्टी में वे अपने गांव चले गए थे। वे वहां से ट्रेन से रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, जहां से उनको ट्रक में लादकर ले जाया जा रहा था। मदरसे के मौलाना ने कबूल किया है कि बच्चे उसके यहां पढ़ते हैं। बच्चों के आधार कार्ड व पहचान पत्र बरामद कर लिए गए हैं।” खबर में कहीं भी रोहिंग्या या मानव तस्करी का जिक्र नहीं है।
18 मई 2023 को इंडिया टीवी की वेबसाइट पर भी इस खबर को देखा जा सकता है। इसमें लिखा है, “महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक ट्रक में 63 बच्चे मिले हैं। मामला 17 मई की दोपहर का है। सभी बच्चे 8-12 साल की उम्र के हैं। ये बिहार और पश्चिम बंगाल से ट्रेन से कोल्हापुर पहुंचे। कुछ हिंदूवादी संगठनों ने ट्रक में बच्चों के लदे होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस का कहना है कि सभी बच्चे इलाके के ही एक मदरसे में पढ़ते हैं। छुट्टी में वे घर गए हुए थे। पुलिस को बच्चों के पास से पहचान पत्र मिले हैं। मदरसे के मौलाना से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके पास भी सभी बच्चों की जानकारी थी। पुलिस ने बच्चों को गैर सरकारी समूह को सौंप दिया है।” इसमें भी बच्चों की तस्करी या रोहिंग्या का कोई जिक्र नहीं है।
इससे संबंधित वीडियो न्यूज को आईएएनएस टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है। 18 मई को अपलोड वीडियो न्यूज में वायरल वीडियो भी देखा जा सकता है। इसमें बताया गया है कि बच्चे महाराष्ट्र में धार्मिक शिक्षा लेने आए हैं। पहली नजर में पुलिस को यह चाइल्ड ट्रैफिकिंग का केस लगा, क्योंकि ये बच्चे बिहार और बंगाल से आए हैं। इन बच्चों ने एक विशेष टोपी भी पहनी हुई है। जब पुलिस ने ट्रक को कोल्हापुर में रोका तो पता चला कि मामला चाइल्ड ट्रैफिकिंग का नहीं, बल्कि धार्मिक शिक्षा का है। पुलिस बच्चों के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है।
इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने कोल्हापुर पुलिस के सब डिवीजन पुलिस ऑफिसर मंगेश चव्हाण से संपर्क कर उनको वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, “कोल्हापुर में एक ट्रक के अंदर 63 बच्चे मिले थे। ये बिहार के अररिया के हैं। वे यहां अजरा स्थित मरदसे में पढ़ते हैं। वे घर से चले और फिर हावड़ा से ट्रेन पकड़कर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वहां से मदरसा दूर है, जिस कारण उनको ट्रक में ले जाया जा रहा था। उनको चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया है। इसमें चाइल्ड ट्रैफिकिंग जैसा कोई मामला नहीं है। सोशल मीडिया पर गलत दावा वायरल किया जा रहा है।“
पड़ताल के अंत में हमने फेसबुक यूजर ‘कुमार सुनील राजा‘ की प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके मुताबिक, यूजर बिहार के मोतिहारी से ताल्लुक रखता है। यूजर के करीब 5 हजार फॉलोअर्स हैं और वह एक विचारधारा से प्रभावित है।
निष्कर्ष: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में पुलिस को एक ट्र्रक में से 63 बच्चे मिले थे। वे बिहार के अररिया से कोल्हापुर के मदरसे में जा रहे थे। उनके पास से पुलिस को पहचान पत्र मिले हैं। वे मदरसे में पढ़ते हैं। वीडियो के साथ किया जा रहा दावा भ्रामक है।
- Claim Review : महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक ट्रक में 63 मुस्लिम बच्चे मिले हैं, जो बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल में लाए गए और फिर वहां से देशभर में पहुंचाए जा रहे हैं।
- Claimed By : FB User- कुमार सुनील राजा
- Fact Check : भ्रामक
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