Fact Check : पति-पत्नी के एकसाथ यूपीएससी पास करने की खबर छह साल पुरानी, वायरल दावा भ्रामक 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि दंपती की एक साथ सिविल परीक्षा पास करने की  वायरल खबर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2017 की है। डॉ. योगेश कुमार और डॉ. अवलोकिता अशोक दोनों का 6 साल पहले आईएएस में सिलेक्शन हुआ था।

Fact Check : पति-पत्नी के एकसाथ यूपीएससी पास करने की खबर छह साल पुरानी, वायरल दावा भ्रामक 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग तेजी से वायरल हो रही है, जिस पर लिखा हुआ है एक दंपती ने एक साथ आईएएस की परीक्षा को पास किया है। यूजर्स इस पोस्ट को हालिया का मानकर शेयर कर रहे हैं और दंपती को परीक्षा पास करने के लिए बधाई दे रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल खबर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2017 की है। डॉ. योगेश कुमार और डॉ. अवलोकिता अशोक दोनों का 6 साल पहले आईएएस में सिलेक्शन हुआ था।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर आशीष वाई टी ने 17 फरवरी 2023 को  वायरल स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, बहुजन समाज का नाम रोशन करने वाले दोनों आईएएस का चयन होने की बधाई हो।” #ias #IAS #जयभीम

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें। दूसरे यूजर्स भी इस दावे को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल पोस्ट से जुड़ी एक रिपोर्ट 1 जून 2017 को प्रेस रीडर पर प्रकाशित मिली। वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, डॉ. योगेश कुमार और डॉ. अवलोकिता अशोक दोनों पति-पत्नी ने साथ में सिविल परीक्षा को पास किया है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से एक बार फिर सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट जून 2017 में दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, यूपीएससी एग्जाम- 2016 के फाइनल में बरेली के डॉ. योगेश सागर की 223 वीं रैंक आई है और उनकी पत्नी डॉ. अवलोकिता ने भी परीक्षा पास की है।

अमर उजाला पर 1 जून 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केजीएमसी से 2006 बैच के एमबीबीएस डॉ. योगेश सागर का 2015 में सेलेक्‍शन नहीं हुआ और 2016 में उन्हें 223 वीं रैंक मिली। डॉ. योगेश कुमार की पत्नी डॉ. अवलोकिता अशोक का भी आईएएस में सिलेक्शन हुआ है। उनकी 915वीं रैंक आई है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने यूपीएससी की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें साल 2016 में जारी रिजल्ट की पीडीएफ मिली। पीडीएफ को खंगालने पर हमें दोनों का नाम उस लिस्ट में मिला। 

हमारी अब तक की पड़ताल में ये साबित होता है कि वायरल खबर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि 6 साल पुरानी है। अधिक जानकारी के लिए हमने डॉ. अवलोकिता अशोक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह खबर साल 2017 की है। अब हम दोनों अपनी सर्विस पर लग चुके हैं। इस खबर का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

इस गलत पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं फेसबुक यूजर आशीष वाईटी , जिनकी पोस्ट की हमने पड़ताल की। यूजर के फेसबुक पर तकरीबन 5,671 लोग फॉलो करते हैं। यूजर की प्रोफाइल को खंगालने के बाद हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि दंपती की एक साथ सिविल परीक्षा पास करने की  वायरल खबर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2017 की है। डॉ. योगेश कुमार और डॉ. अवलोकिता अशोक दोनों का 6 साल पहले आईएएस में सिलेक्शन हुआ था।

False
Symbols that define nature of fake news
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