Fact Check : हार्दिक पटेल के 6 साल पुराने वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ किया गया वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में हार्दिक पटेल के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2016 का है। उस दौरान हार्दिक पटेल बीजेपी में नहीं, बल्कि कांग्रेस में थे। सोशल मीडिया यूजर्स अब 6 साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

Fact Check : हार्दिक पटेल के 6 साल पुराने वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ किया गया वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्‍यूज)। गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ गई हैं। इसका प्रभाव सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक देखने को मिल रहा है। इन्हीं सबके बीच भाजपा नेता हार्दिक पटेल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्हें कथित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पक्ष में बोलते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को हालिया बताकर वायरल कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2016 का है। उस दौरान हार्दिक पटेल बीजेपी में नहीं, बल्कि कांग्रेस में थे। सोशल मीडिया यूजर्स अब 6 साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर अरविंद धस्माना ने वायरल वीडियो को 10 अक्टूबर 2022 को शेयर किया था। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “सुनो बीजेपी नेता हार्दिक पटेल को… नरेंद्र मोदी….फे** …है..@ArvindKejriwal…  डेवलपमेंट ऑफ इंडिया… “The Development Of India” Kejriwal.”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गौर से देखा। इस दौरान हमने पाया कि वीडियो पर एनडीटीवी का लोगो लगा हुआ है। फिर हमने एनडीटीवी के आधिकारिक यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। इस दौरान हमें पूरा वीडियो 19 जुलाई 2016 को शेयर किया हुआ मिला। वीडियो में देखा जा सकता है कि रिपोर्टर हार्दिक पटेल से रैपिड फायर राउंड खेलने के लिए कहती है। रिपोर्टर हार्दिक पटेल को अलग-अलग नेताओं और परिस्थिति पर अपनी राय बताने के लिए कहती है। इसी दौरान जब रिपोर्टर नरेंद्र मोदी का नाम लेती है, तो हार्दिक उन्हें लेकर अपनी राय बताते हैं। इसके बाद रिपोर्टर केजरीवाल का नाम लेती हैं तो वो उन्हें डेवलपमेंट ऑफ इंडिया बताते हैं।

आजतक पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, हार्दिक पटेल ने मई 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी देशहित और समाज हित के बिल्कुल विपरीत काम कर रही है। एबीपी पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, हार्दिक पटेल 2 जून 2022 को अहमदाबाद स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर कमलम में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हो गए थे।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो में नजर आ रही रिपोर्टर के बारे में भी सर्च किया। इस दौरान हमें पता चला कि का रिपोर्टर का नाम सुनेत्रा चौधरी है, जो कि पहले एनडीटीवी में कार्यरत थीं, लेकिन अब वो हिंदुस्तान टाइम्स में बतौर नेशनल पॉलिटिकल एडिटर काम कर रही हैं। इसके बाद ये साफ होता है कि यह वीडियो पुराना है और इसका गुजरात चुनाव से कोई संबंध नहीं है।

पूरी तरह से पुष्टि करने के लिए हमने वीडियो में नजर आ रही रिपोर्टर सुनेत्रा चौधरी से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि यह दावा गलत है और  वीडियो साल 2016 का है।

पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर अरविंद धस्माना की जांच की। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर उत्तराखंड का रहने वाला है। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में हार्दिक पटेल के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2016 का है। उस दौरान हार्दिक पटेल बीजेपी में नहीं, बल्कि कांग्रेस में थे। सोशल मीडिया यूजर्स अब 6 साल पुराने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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