Fact Check: जयपुर के मंदिर की 6 साल पुरानी तस्वीर काशी के नाम से हुई वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। वायरल तस्वीर काशी की नहीं, बल्कि जयपुर की है और तकरीबन 6 साल पुरानी है। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने के लिए वायरल तस्वीर को काशी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर मंदिर की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में मंदिर पर बुलडोजर चलता हुआ नजर आ रहा है। दावा किया जा रहा है कि मंदिर टूटने की यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के काशी शहर की है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। वायरल तस्वीर काशी की नहीं, बल्कि जयपुर की है और तकरीबन 6 साल पुरानी है। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने के लिए वायरल तस्वीर को काशी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?


ट्विटर यूजर BaBa Noor Mohammad ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि काशी में मंदिर तोड़ता औरंगज़ेब। काश के मोदी जी देश के प्रधानमंत्री होते और योगी जी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री फ़िर हिंदूओं के धर्म स्थल की तरफ़ कोई आँख उठा कर भी देख नहीं सकता था।

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखें। फेसबुक पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।

https://twitter.com/Babanoormohamm1/status/1471038679216963584


पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक रिपोर्ट Aajtak की वेबसाइट पर 14 जून 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, जयपुर में मेट्रो के विस्तार के लिए रोजगारेश्वर महादेव मंदिर को तोड़ने का फैसला किया था। अमर उजाला ने भी इस खबर को प्रकाशित किया था।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट द क्विंट की वेबसाइट पर 9 जुलाई 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में वायरल तस्वीर से जुड़ी कुछ अन्य तस्वीर को भी प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, लोगों के विरोध के बाद मंदिर का फिर से निर्माण करने का फैसला लिया गया था।


अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, जयपुर के प्रभारी नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को वॉट्सऐप के जरिए उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह तस्वीर जयपुर के रोजगारेश्वर महादेव की है। जिसे अब लोग गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।


पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले ट्विटर यूजर BaBa Noor Mohammad की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के ट्विटर पर 5 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स है और यह अकाउंट जनवरी 2021 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल पोस्ट फर्जी है। वायरल तस्वीर काशी की नहीं, बल्कि जयपुर की है और तकरीबन 6 साल पुरानी है। कुछ लोग माहौल बिगाड़ने के लिए वायरल तस्वीर को काशी का बताकर वायरल कर रहे हैं।

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