विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। 6 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर ग़लत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसे देख कर लग रहा है कि वो किसी एसिड अटैक के पहले और बाद की तस्वीरों का कोलाज है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह ‘लव जिहाद’ का मामला है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा दावा झूठा है। वायरल तस्वीर लंदन में रहने वाली एक महिला की है, जिनके साथ यह घटना 2017 में हुई थी। मामला लव जिहाद का नहीं था।
फेसबुक यूजर विक्रम प्रताप सिंह चौहान ने इस कोलाज पोस्ट करते हुए लिखा, “इनका अब्दुल भी ऐसा वैसा नहीं था..पेंटर था,,, क्या पेंटिंग की है,, बधाइयां बेशुमार, #कर्मा! जो बोया, वो पाया!”
फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट में लिखी गई बातों को यहां ज्यों का त्यों पेश किया गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया। हमें 29 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित द सन की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इसी कोलाज को इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट का शीर्षक था, ”TIME TO STOP HIDING’ Model horrifically burned in sick ‘acid attack’ shares incredible recovery photo’ (टाइम टू स्टॉप हिडिंग’ बुरी तरह ‘एसिड अटैक’ में झुलसी मॉडल ने शेयर की अविश्वसनीय रिकवरी की फोटो’) खबर के अनुसार, रेशम खान अपने कजिन के साथ एक कार में थीं, जब एक व्यक्ति ने कथित तौर पर खिड़की से एसिड उनके ऊपर फेंक दिया, जिसके बाद उन्हें काफी चोट आयी थी। मगर इस घटना के कुछ ही महीनों के बाद रेशम ने अपनी रिकवरी की तस्वीर शेयर की, जिसकी काफी तारीफ हो रही है। यह कोलाज उसी रिकवरी का है।
हमें इस घटना को लेकर और भी कई न्यूज़ वेबसाइटों पर खबरें मिलीं।
इन ख़बरों में रेशम खान का वो ट्वीट भी एम्बेडेड था, जिसमें उन्होंने यह तस्वीर शेयर की थी।
विश्वास न्यूज ने इस विषय में पुष्टि के लिए ब्रिटिश पत्रकार एला विल्स से बात की। एला ने भी कन्फर्म किया कि यह घटना लंदन की है और 2017 की है। मामला हेट क्राइम का था। एला ने 2017 में यह खबर इवनिंग स्टैण्डर्ड के लिए कवर की थी।
घटना के मुख्य आरोपी जॉन टोमलिन ने रेशम खान और उनके भाई पर उस समय एसिड फेंका था, जब वे रेशम का इक्कीसवां जन्मदिन मानाने के बाद गाड़ी में बैठे थे। इस मामले में टोमलिन को 16 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। कोर्ट के अनुसार यह एक रैंडम एक्ट था और आरोपी पहले से पीड़ितों को नहीं जानता था।
पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर विक्रम प्रताप सिंह चौहान की जांच की। यूजर की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि फेसबुक यूजर उत्तर प्रदेश के इटावा के हैं। फेसबुक पर यूजर के 5000 से अधिक फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। 6 साल पुरानी तस्वीर को सोशल मीडिया पर ग़लत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
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