Fact Check : रवीश कुमार के 5 साल पुराने वीडियो को अडानी-एनडीटीवी डील से जोड़कर किया जा रहा शेयर 

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो साल 2017 में हुए एक कार्यक्रम के दौरान का है, जिसके एक अंश को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Fact Check : रवीश कुमार के 5 साल पुराने वीडियो को अडानी-एनडीटीवी डील से जोड़कर किया जा रहा शेयर 

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर रवीश कुमार का एक वीडियो तेजी से शेयर किया जा रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अडानी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी में हिस्सेदारी खरीदने पर अब रवीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि कुछ लोग एक पत्रकार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो साल 2017 में हुए एक कार्यक्रम के दौरान का है, जिसके एक अंश को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर तरुण कुमार ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “NDTV बिक जाने के बाद सुनिए क्या बोले Ravish Kumar । छलका दर्द, फूटा गुस्सा।”

पोस्‍ट का आर्काइव लिंक यहां देखें।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो Unofficial Truth Gurumantra नामक एक फेसबुक पेज पर साल 2017 को शेयर मिला। कैप्शन के अनुसार, रवीश कुमार का यह वीडियो Manthan Samvaad नामक एक कार्यक्रम के दौरान का है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें रवीश कुमार का पूरा वीडियो Manthan India के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी मिला। वीडियो को 8 अक्टूबर 2017 को अपलोड किया गया था। पूरा वीडियो एक घंटे 16 मिनट का है। एडिटिंग के जरिए जिसके कुछ हिस्सों को जोड़कर वायरल वीडियो को तैयार किया गया है। असली वीडियो में रवीश कुमार ‘Gandhi & Dimensions of Truth & Alternate Truths’ पर स्पीच दी थी।

पूरी तरह से पुष्टि के लिए हमने एनडीटीवी के एक पत्रकार पीयूष कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है।

पड़ताल के अंत में विश्वास न्यूज ने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर तरुण कुमार की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर को 153k लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। वीडियो साल 2017 में हुए एक कार्यक्रम के दौरान का है, जिसके एक अंश को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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