Fact Check : पप्पू यादव के 5 साल पुराने वीडियो को हाल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पप्पू यादव का वायरल वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर पप्पू यादव का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वो आरोप लगाते हुए नजर आ रहे हैं कि लोगों ने उन्हें पीटा है। इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बयान देने के बाद का है। साथ ही यूजर्स यह भी कह रहे हैं कि यह प्रयागराज का मामला है।  

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर बाबा इज़रायली ने 2 मई 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, ब्रेकिंग न्यूज़…योगीजी का मजाक उड़ाने वाले पागल गैं** पप्पू यादव की प्रयागराज में सनातनी युवाओं द्वारा बहुत अच्छे से स्वागत किया गया।

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

https://twitter.com/imCgwale_Babaji/status/1653359010077364225

पड़ताल

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर सर्च करना शुरू किया। हमें द क्विंट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 6 सितंबर 2018 को अपलोड हुआ मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, “बिहार के मधेपुरा से तत्कालीन सांसद पप्पू यादव ने सवर्ण जातियों के भारत बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। Pappu Yadav का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने उनकी बात सुने बिना ही उनपर हमला कर दिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पप्पू बिलख-बिलख कर रो पड़े। उन्होंने कहा कि वो नारी बचाओ यात्रा में शामिल होने जा रहे थे, उन्हें पहले मां-बहन की गाली दी गई, फिर मारा गया। पप्पू का आरोप है कि इस दौरान उनके कार्यकर्ताओं को भी पीटा गया।”

अन्य वीडियो रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट आजतक की आधिकारिक वेबसाइट पर 6 सितंबर 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “पप्पू यादव का कहना है कि वो पटना से मधुबनी जा रहे थे, लेकिन मुजफ्फरपुर में बंद समर्थकों ने उनके काफिले को रोक दिया। काफी मान-मनौव्वल के बाद जब उन्हें जाने दिया, तब दूसरे गुट ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। पप्पू यादव के मुताबिक, हमलावर पिस्तौल से लैस थे। अगर उनके साथ सीआरपीएफ के जवान नहीं होते तो उनकी हत्या हो जाती। पप्पू यादव पत्रकारों से बात करते-करते फूट-फूट कर रोने लगे।”

जनसत्ता पर 29 अप्रैल 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पप्पू यादव जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरने को समर्थन देने के लिए गए थे। इस दौरान उन्होंने योगी आदित्यनाथ की नकल की और उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया।

अधिक जानकारी के लिए हमने बिहार दैनिक जागरण के पत्रकार अमित आलोक से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है।

जांच के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को ट्विटर पर 3,162 लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक यूजर, चंडीगढ़ का रहने वाला है। यूजर मार्च 2023 से ट्विटर पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि पप्पू यादव का वायरल वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। यह वीडियो सितंबर 2018 का है, जब पप्पू यादव ने आरोप लगाया था कि बिहार के मुजफ्फरपुर में प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने उन पर हमला किया था।

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