Fact Check: सेना के काफिले पर हुए हमले की 5 साल पुरानी तस्वीर मणिपुर के हालिया अटैक की बताकर हुई वायरल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल तस्वीर का मणिपुर में हुए हालिया हमले से कोई संबंध नहीं है। तस्वीर साल 2015 में हुई घटना की है।
- By: Pragya Shukla
- Published: Nov 24, 2021 at 05:27 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। मणिपुर में सेना के काफिले पर हुए हमले से जुड़ी एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर में एक जली हुई बस और उसके आस-पास कुछ सेना और पुलिस के जवानों को खड़ा हुआ देखा जा सकता है। इस तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वायरल तस्वीर मणिपुर में हाल ही में सेना पर हुए हमले की है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। पड़ताल के दौरान हमने पाया कि वायरल तस्वीर हाल-फिलहाल की नहीं, बल्कि साल 2015 की है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक यूजर Vijay Thakor ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों द्वारा सेना के काफिले पर किया गया हमला देश के दुश्मनों की कायरता है। मैं शहीद हुए असम राइफल्स के 7 जांबाजों को नमन करता हूं। घायल वीरों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले। हम आपके कृतज्ञ और ऋणी हैं। परिजनों से पूरे देश की संवेदनाएं जुड़ी हुई हैं। यह तय है कि उन कायर हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखें। इस पोस्ट को कुछ लोग ट्विटर पर भी वायरल कर रहे हैं।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से जुड़ी एक खबर नईदुनिया की वेबसाइट पर 9 जून 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, जून 2015 में मणिपुर के चंदेल जिले के एक इलाके में उग्रवादियों ने सेना के काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में 20 सैनिक शहीद हो गए थे। ये तस्वीर उसी घटना के दौरान की है।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर गेट्टी इमेजेज़ की वेबसाइट पर भी मिली। यहां पर दी गई जानकारी के अनुसार, वायरल तस्वीर 4 जून 2015 में मणिपुर के चंदेल जिले में सेना के काफिले पर हुए हमले के बाद की है।
अधिक जानकारी के लिए हमने मणिपुर के लोकल पत्रकार Donald Saikhom से संपर्क किया। हमने वायरल दावे को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। तस्वीर का हालिया घटना से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर तकरीबन 5 साल पुरानी घटना की है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अंत में इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Vijay Thakor की जांच की। सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर के फेसबुक पर 3.7k फ्रेंड्स हैं और यह अकाउंट 2013 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि वायरल तस्वीर का मणिपुर में हुए हालिया हमले से कोई संबंध नहीं है। तस्वीर साल 2015 में हुई घटना की है।
- Claim Review : मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों द्वारा सेना के काफिले पर किया गया हमला देश के दुश्मनों की कायरता है। मैं शहीद हुए असम राइफल्स के 7 जांबाजों को नमन करता हूं। घायल वीरों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले। हम आपके कृतज्ञ और ऋणी हैं। परिजनों से पूरे देश की संवेदनाएं जुड़ी हुई हैं। यह तय है कि उन कायर हमलावरों को बख्शा नहीं जाएगा।
- Claimed By : Vijay Thakor
- Fact Check : भ्रामक
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