Fact Check: हेल्थकेयर पर 5 फीसदी सर्विस टैक्स को लेकर वायरल पत्र 2011 का है, हाल का नहीं
बजट में हेल्थकेयर सर्विसेज पर 5 फीसदी सेवा कर के प्रस्ताव को लेकर डॉ. देवी शेट्टी ने मार्च 2011 में जनता के नाम यह लेटर जारी किया था। विरोध के बाद सरकार ने फैसले को वापस ले लिया था। जुलाई 2017 के बाद जीएसटी ने सर्विस टैक्स की जगह ले ली थी। हालांकि, जुलाई 2022 में 5000 रुपये प्रतिदिन से अधिक के किराए वाले गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5% जीएसटी लगाने का फैसला हुआ था।
- By: Sharad Prakash Asthana
- Published: Mar 3, 2023 at 03:58 PM
- Updated: Mar 7, 2023 at 12:33 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। ‘मिजरी टैक्स’ के नाम पर सोशल मीडिया पर एक लेटर शेयर किया जा रहा है। इस पर लिखा है, आम आदमी के लिए पत्र। आपको शायद नहीं पता होगा कि केंद्र सरकार ने इस बजट में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर 5 फीसदी सर्विस टैक्स प्रस्तावित किया है। अगर कोई हार्ट सर्जरी कराता है तो उसको 5000 से 10000 हजार रुपये या ज्यादा सर्विस टैक्स देना होगा। कैंसर के मरीज से 20 हजार से ज्यादा रुपये वसूले जाएंगे। डॉ. देवी शेट्टी की तरफ से लिखे गए इस पत्र को शेयर कर यूजर्स केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल पत्र 2011 का है। तब तत्कालीन वित्त मंत्री ने 25 या उससे ज्यादा बेड वाले सेंट्रल एयरकंडीशनिंग अस्पतालों की स्वास्थ्य सेवाओं पर पांच फीसदी सर्विस टैक्स का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, विरोध के बाद इसको वापस ले लिया गया था। 2023-24 में केंद्र सरकार के बजट ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है। हालांकि, 18 जुलाई 2022 से गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5% जीएसटी जरूर लगाई गई है।
क्या है वायरल पोस्ट
फेसबुक यूजर Bappa Mukherjee (आर्काइव लिंक) ने 1 मार्च को यह लेटर शेयर करते हुए लिखा,
A National government when imposes taxes and that too 5% on health care and services on its citizens it simply signify that the government is heartless and pathetic.
Paying misery tax is real time national misery. !!
(एक केंद्र सरकार जब अपने नागरिकों पर कर लगाती है, और वह भी स्वास्थ्य देखभाल और सेवाओं पर 5% तो इसका सीधा- सा मतलब है कि सरकार निर्दयी और दयनीय है। मिजरी टैक्स का भुगतान करना इस समय राष्ट्रीय दुख है।)
कर्नाटक कांग्रेस सेवा दल ने भी 26 फरवरी को इस लेटर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए पीएम मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन से इस सर्विस टैक्स को वापस लेने की अपील की।
पड़ताल
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने शेयर किए जा रहे पत्र को ध्यान से देखा। इसमें नीचे डॉ. देवी शेट्टी, नारायण हृदयालय लिखा है। इसमें इस प्रस्ताव के विरोधस्वरूप 12 मार्च, शनिवार को ‘मिजरी डे’ मनाने का आह्वान किया गया है। सभी नागरिकों से अपील की गई कि 11 मार्च को सभी अपने राज्य के राज्यपाल आवास के बाहर जमा होकर और याचिका दाखिल कर इस ‘मिजरी टैक्स’ को वापस लेने के लिए प्रदर्शन करें।
इस बारे में हमने गूगल पर कीवर्ड से सर्च किया। मनीलाइफ वेबसाइट पर इससे संबंधित खबर 8 मार्च 2011 को छपी है। इसके अनुसार, स्वास्थ्य सेवाओं पर 5% सेवा कर लगाने के केंद्रीय बजट के प्रस्ताव की चिकित्सा समुदाय ने कड़ी आलोचना की है। इसे ‘मिजरी टैक्स’ के रूप में वर्णित किया है। डॉक्टरों का कहना है कि स्वास्थ्य सेवा पर कर लगाने का प्रस्ताव आम आदमी की चिंताओं को बढ़ाएगा। उन्होंने इसे रद्द करने की मांग की है। नारायण हृदयालय के अध्यक्ष डॉ देवी प्रसाद शेट्टी ने आम आदमी को संबोधित एक खुले पत्र में कहा है, “यह एक ‘सेवा कर’ नहीं है, यह एक ‘मिजरी टैक्स’ है, क्योंकि सरकार आपके पैसे से पैसा कमाना चाहती है। कृपया यह न सोचें कि केवल अमीर लोगों पर कर लगाया जाएगा, क्योंकि प्रस्ताव कहता है कि केवल वातानुकूलित अस्पतालों को ही कर का भुगतान करना होगा। वातानुकूलित ऑपरेशन थिएटर के बिना सरल या जटिल कोई भी सर्जरी नहीं की जा सकती है। कानूनी तौर पर एक ब्लड बैंक को बिना एसी के लाइसेंस मिल सकता है। सीटी, एमआरआई और कैथीटेराइजेशन लैब एसी के बिना काम नहीं कर सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो बिना एसी के अस्पताल काम नहीं कर सकते हैं।” चिकित्सा जगत से जुड़े लोगों ने अन्य नागरिकों से प्रस्तावित सर्विस टैक्स के विरोध में 12 मार्च को ‘मिजरी डे’ के रूप में मनाने और इसे वापस लेने की मांग करने का आह्वान किया है। पिछले सप्ताह 2011-12 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चिकित्सा सेवाओं पर 5% सेवा कर का प्रस्ताव दिया था। इसमें सेट्रलाइज्ड एसी वाले 25 या उससे ज्यादा बेड वाले अस्पतालों में दी जाने वाली चिकित्सा सेवाएं शामिल हैं।
ब्लॉग banglarrup पर भी इस वायरल लेटर को देखा जा सकता है। 6 मार्च 2011 को इसे पोस्ट किया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में 28 फरवरी 2011 में छपी खबर के मुताबिक, सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज पर 5 प्रतिशत सेवा कर लगाने का प्रस्ताव दिया है। इसका भुगतान या तो व्यक्तियों या बीमा कंपनियों या फर्मों द्वारा किया जाता है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने यह बजट पेश किया है। उन्होंने कहा, “मैं 25 या अधिक बेड वाले अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी सेवाओं पर कर लगाने का प्रस्ताव देता हूं, जिसमें सेंट्रल एयर कंडीशनिंग की सुविधा है। हालांकि, सभी सरकारी अस्पताल इस लेवी से बाहर होंगे।”
इसके बाद हमने गूगल पर कीवर्ड और टाइम टूल की मदद से इस बारे में सर्च किया। टाइम्सकंटेंट वेबसाइट पर 12 मार्च 2011 को एक फोटो छपी है। इसका कैप्शन लिखा है, 12 मार्च 2011 को बेंगलुरु में एमजी स्टैचू के पास डॉ. देवी शेट्टी और उनके समर्थकों ने केंद्रीय बजट 2011-12 में हेल्थकेयर पर लगाए गए सेवा कर के विरोध में प्रदर्शन किया।
23 मार्च 2011 को हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, सरकार ने पिछले महीने के केंद्रीय बजट में प्रस्तावित स्वास्थ्य सेवाओं पर 5% सेवा कर को वापस ले लिया है। इसे ‘मिजरी टैक्स’ करार दिया गया था। विरोध को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है।
इस बारे में हमने नारायणा हृदयालय से मेल के जरिए संपर्क किया। नारायणा हेल्थ के प्रवक्ता के अनुसार, “डॉ देवी शेट्टी के नाम से सन् 2011 की पेपर कटिंग वायरल की जा रही है। इस वायरल क्लिप में उस समय हेल्थ केयर पर सर्विस टैक्स के बारे में उनके विचारों को प्रस्तुत किया गया था। इसे करीब एक दशक से भी पहले एक अलग संदर्भ में प्रस्तुत किया गया था। यह पुरानी क्लिप है, जिसका उपयोग इस समय गलत तरीके से किया जा रहा है। उस समय के उनके विचारों को लेकर जो प्रस्तुतीकरण किया गया था, उसका इस समय गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। यह तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना है। संस्थान जनता को गुमराह करने के लिए इस प्रकार के पुराने बयानों के दुरुपयोग की कड़ी निंदा करता है।“
हमने एम आर सिंह एंड कंपनी के ओनर टैक्स एडवोकेट मुनीराम सिंह से भी बात की। उनका कहना है, “जुलाई 2017 के बाद जीएसटी लागू हो गया था। इससे हर सेवा पर एक टैक्स लगने लगा। उसके बाद सर्विस टैक्स की जगह भी जीएसटी लगने लगा, तो अब सर्विस टैक्स जैसी कोई बात ही नहीं बची है।”
इस साल के बजट में हेल्थकेयर सेवाओं पर सर्विस टैक्स जैसा कोई जिक्र भी नहीं है।
हालांकि, 18 जुलाई 2022 को इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर में लिखा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की 28-29 जून 2022 को हुई 47वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 5000 रुपये प्रतिदिन से अधिक के कमरे के किराए वाले गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5% जीएसटी लगाई जाएगी। अस्पताल के इन कमरों पर 5% GST 18 जुलाई 2022 से लागू होगी। 5000 रुपये प्रतिदिन के कमरे के किराए पर जीएसटी राशि 250 रुपये होगी। 2 दिनों के लिए अस्पताल के कमरे का किराया (बिना जीएसटी) 10,000 रुपये होगा और इस पर जीएसटी 500 रुपये होगा।
इस बारे में टैक्स गुरु के सीईओ सीए संदीप कनोई का कहना है, “सरकार ने 18 जुलाई 2022 से अस्पताल के कमरों (गैर—आईसीयू) पर जीएसटी लगाया था। एक अस्पताल द्वारा प्रति मरीज प्रतिदिन 5000 रुपये से अधिक के कमरे के किराए (आईसीयू को छोड़कर) पर 5% की दर से कमरे के लिए चार्ज की जाने वाली राशि पर टैक्स लगाया जाएगा। वायरल पोस्ट में सर्विस टैक्स की बात की गई है, जबकि जुलाई 2017 के बाद से यह अस्तित्व में नहीं है।“
पुराना लेटर शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Bappa Mukherjee (बप्पा मुखर्जी) की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, उनको 157 यूजर्स फॉलो करते हैं। 2005 में वह नोएडा आ गए थे।
निष्कर्ष: बजट में हेल्थकेयर सर्विसेज पर 5 फीसदी सेवा कर के प्रस्ताव को लेकर डॉ. देवी शेट्टी ने मार्च 2011 में जनता के नाम यह लेटर जारी किया था। विरोध के बाद सरकार ने फैसले को वापस ले लिया था। जुलाई 2017 के बाद जीएसटी ने सर्विस टैक्स की जगह ले ली थी। हालांकि, जुलाई 2022 में 5000 रुपये प्रतिदिन से अधिक के किराए वाले गैर-आईसीयू अस्पताल के कमरों पर 5% जीएसटी लगाने का फैसला हुआ था।
- Claim Review : केंद्र सरकार ने इस बजट में स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर 5 फीसदी सर्विस टैक्स प्रस्तावित किया है।
- Claimed By : FB User- Bappa Mukherjee
- Fact Check : भ्रामक
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