Fact Check : सोनिया गांधी की 4 साल पुरानी तस्‍वीर गलत संदर्भ के साथ वायरल

Fact Check : सोनिया गांधी की 4 साल पुरानी तस्‍वीर गलत संदर्भ के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर कांग्रेस की सोनिया गांधी की एक तस्‍वीर खूब वायरल की जा रही है। इस तस्‍वीर में उन्‍हें भगवान राम की वेशभूषा वाले एक युवक को तिलक करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्‍वीर अभी की है। सोनिया गांधी भी राम को तिलक लगाने को मजबूर हो गई हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि सोनिया गांधी की पुरानी तस्‍वीर को गलत संदर्भ के साथ दुष्‍प्रचार की मंशा के साथ वायरल किया जा रहा है। सोनिया गांधी बरसों से दशहरा के सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर आती रही हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर आनंद शर्मा ने 30 सितंबर को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘पूरे 20 वकील लगाए थे राम मंदिर रोकने के लिए आज राम जी का तिलक करने पर मजबूर हैं… और कितने अच्छे दिन चाहिए!!’

वायरल पोस्‍ट के क्‍लेम को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत गूगल रिवर्स इमेज टूल से की। सबसे पहले सोनिया गांधी की तस्‍वीर को इस टूल में अपलोड करके सर्च किया। असली तस्‍वीर हमें कांग्रेस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर मिली। इसे 19 अक्‍टूबर 2018 को पोस्‍ट करते हुए लिखा गया कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह ने धार्मिक रामलीला कमेटी के दशहरा उत्‍सव में भाग लिया।

विश्‍वास न्‍यूज ने दशहरा उत्‍सव से जुड़ी सोनिया गांधी की पुरानी तस्‍वीरों को सर्च करना शुरू किया। हमें पता चला कि सोनिया गांधी पिछले कई बरसों से दशहरा के सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेती रही हैं। गेट्टी इमेज की वेबसाइट पर हमें 2006 की एक तस्‍वीर मिली। इसमें सोनिया गांधी को आरती करते हुए देखा जा सकता है। सर्च के दौरान 2008 की भी एक तस्‍वीर मिली।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अगले चरण में कांग्रेस के सचिव प्रणव झा से संपर्क किया। उन्‍होंने स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर या अन्य किसी धार्मिक मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कभी कोर्ट नहीं गई। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हमेशा यही कहा कि मामला कोर्ट के अधीन है और वहाँ जो भी फ़ैसला आएगा वह मान्य होगा। अंततः हुआ भी यही। तस्‍वीर को लेकर झा ने बताया कि यह तस्‍वीर वर्ष 2018 की है। सोनिया गांधी हमेशा से विजयादशमी के कार्यक्रम में जाती रही हैं।

पड़ताल के अंत में सोनिया गांधी से जुड़ी पोस्‍ट को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर आनंद शर्मा एक एडवोकेट हैं। इन्‍हें 95 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर भोपाल का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में सोनिया गांधी से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। सोनिया गांधी बरसों से दशहरा के कार्यक्रमों में हिस्‍सा लेती रही हैं। वायरल तस्‍वीर वर्ष 2018 की है।

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