Fact Check: एमपी में राजगढ़ के नगर पालिका अध्‍यक्ष ने रखा था लंगूर पर 21 हजार का इनाम, छत्‍तीसगढ़ से नहीं है कोई संबंध

मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ में बंदर के उत्‍पात मचाने के बाद वहां के नगर पालिका अध्‍यक्ष ने उस पर 21 हजार रुपये का इनाम रखा था। इस मामले का छत्‍तीसगढ़ से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से एक पोस्‍ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया यूजर्स एक लंगूर की फोटो शेयर कर दावा कर रहे हैं कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लंगूर को पकड़ने के लिए 21000 रुपए के इनाम का एलान किया है। इस पोस्‍ट को शेयर कर यूजर्स कांग्रेस पर तंज कस रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया। दरअसल, मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ में एक लंगूर के काफी उत्‍पात मचाने के बाद नगर पालिका अध्‍यक्ष ने उस पर 21000 रुपये का इनाम रख दिया था। कुछ दिन पहले वन विभाग की टीम ने लंगूर को पकड़ लिया। इस घटना का छत्‍तीसगढ़ या वहां के मुख्‍यमंत्री से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर ‘सुधीर रंजन‘ (आर्काइव लिंक) ने 22 जून को लंगूर की तस्‍वीर पोस्‍ट करते हुए लिखा,

यह वानर कोई साधारण वानर नहीं है।
यह वानर छत्तीसगढ़ में केवल केवल कांग्रेसियों को ही निशाना बनाकर काट रहा है और पता चला है कि भाजपाइयों का बहुत सम्मान करता रहा है। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वानर को जिंदा पकड़कर लाने के लिए 21000 रुपए पुरस्कार की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार शायद इस वानर को अपने पास रखकर अब इसका उपचार करवाएगी। या फिर…

ट्विटर यूजर ‘स्‍वामी रामशरणआचार्य पांडे’ (आर्काइव लिंक) ने भी 21 जून को लंगूर की फोटो को पोस्‍ट करते हुए समान दावा किया। इसमें सोर्स के तौर पर एक खबर का स्‍क्रीनशॉट भी पोस्‍ट किया गया है।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। दैनिक भास्‍कर में 8 दिन पहले इस बारे में खबर छपी है। इसकी डेटलाइन में ब्रैकेट में भोपाल लिखा हुआ है। खबर में लिखा है कि मामला राजगढ़ का है, जहां एक पागल बंदर ने उत्‍पात मचा रखा है। उसको पकड़ने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। बंदर को पकड़ने के लिए अब नगर पालिका अध्यक्ष ने 21 हजार रुपए के इनाम का एलान किया है। बंदर 15 दिन में 15 से 20 लोगों को काट चुका है। इनमें बच्‍चे भी हैं।

22 जून को इस बारे में एनडीटीवी की वेबसाइट पर भी खबर छपी है। इसमें लिखा है कि मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ में एक लंगूर ने आतंक फैलाया हुआ था। नगर पालिका ने उस पर 21 हजार का इनाम तक घोषित कर दिया था। लंगूर करीब 16 दिन में 20 से ज्‍यादा लोगों को काट चुका है। वन विभाग की टीम ने लंगूर को पकड़ लिया है। लंगूर के हमले का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। उसको उज्‍जैन से आई स्‍पेशल टीम ने ड्रोन की मदद से खोजा था। टीम ने उसको ट्रैंकुलाइज कर पिंजरे में कैद कर लिया।

24 जून को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है कि मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ में उत्‍पात मचाने वाले बंदर को पकड़ लिया गया है। इस पर 21 हजार का रुपये का इनाम घोषित था। बंदर के आतंक से यहां के लोग परेशान थे।

इसके बाद हमने ट्विटर यूजर स्‍वामी रामशरणआचार्य पांडे द्वारा शेयर किए गए खबर के स्‍क्रीनशॉट को कीवर्ड से सर्च किया। लल्‍लूराम नाम की वेबसाइट पर इसको देखा जा सकता है। इसमें भी जगह मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ दी गई है। साथ ही इनाम का एलान करने वाले शख्‍स का नाम राजगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष विनोद साहू दिया गया है। मतलब यह घटना मध्‍य प्रदेश की है, छत्‍तीसगढ़ की नहीं।

इसकी अधिक जानकारी के लिए हमने राजगढ़ के नगर पालिका अध्‍यक्ष विनोद साहू से बात की। उनका कहना है, “बंदर पर 21 हजार रुपये का इनाम मैंने रखा था। इसे बंदर को पकड़ने वाली वन विभाग और नगर पालिका की टीम को दे दिया गया है। यह इनाम मैंने व्‍यक्तिगत तौर पर दिया है और यह मध्‍य प्रदेश है, छत्‍तीसगढ़ नहीं। इसका छत्‍तीसगढ़ के सीएम से कोई संबंध नहीं है।

इस बारे में हमने राजगढ़ में नईदुनिया के रिपोर्टर राजेश से बात की। उन्‍होंने कहा, “यह मामला मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ का है। बंदर ने तीन-चार जगहों पर कई लोगों को काटा था। इनमें बच्‍चे भी थे। उज्‍जैन से आई वन विभाग की टीम ने उसको पकड़ लिया है। नगर पालिक अध्‍यक्ष ने व्‍यक्तिगत रूप से इनाम का एलान किया था।

पड़ताल के अंत में हमने सोशल मीडिया पर भ्रामक दावा करने वाले फेसबुक यूजर ‘सुधीर रंजन‘ की प्रोफाइल को स्‍कैन किया। इसके अनुसार, यूजर उत्‍तर प्रदेश के अमेठी जिले में रहते हैं। उनके करीब 5600 फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: मध्‍य प्रदेश के राजगढ़ में बंदर के उत्‍पात मचाने के बाद वहां के नगर पालिका अध्‍यक्ष ने उस पर 21 हजार रुपये का इनाम रखा था। इस मामले का छत्‍तीसगढ़ से कोई संबंध नहीं है।

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