Fact Check: नीना गुप्ता ने 2021 में जीता था यंग मैथमेटिशियन रामानुजन अवार्ड, इस इनाम को जीतने वाली पहली भारतीय महिला होने का दावा भी गलत है

गणितज्ञ नीना गुप्ता ने रामानुजन अवॉर्ड साल 2021 में जीता था । हाल-फिलहाल जीते जाने का दावा भ्रामक है। इस अवॉर्ड को जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला नहीं हैं। पहली भारतीय सुजाता रामदुराई थीं, जिन्होंने इसे 2006 में जीता था।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। शाहरुख़ खान की मल्टी स्टारर फिल्म पठान के बायकॉट के बीच एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि लोगों का सारा ध्यान पठान की तरफ है, जबकि इसी दरमियान गणितज्ञ नीना गुप्ता ने रामानुजन अवॉर्ड को जीता है और वह पहली भारतीय महिला हैं इस अवार्ड को जीतने वाली। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किये जा रहे दोनों ही दावे भ्रामक हैं।

गणितज्ञ नीना गुप्ता ने रामानुजन अवॉर्ड साल 2021 में जीता था। हाल-फिलहाल जीते जाने का दावा भ्रामक है। इस अवॉर्ड को जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला नहीं हैं। पहली भारतीय सुजाता रामदुराई थीं, जिन्होंने इसे 2006 में जीता था।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक यूजर ने 24 दिसंबर 2022 को वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘ये है नीना गुप्ता गणितज्ञ यदि शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण से फुरसत मिले तो इन्हें भी पहचान लेना भारतीयों! इन्हें रामानुजन अवार्ड से सम्मानित किया गया है ये एकमात्र भारतीय महिला हैं जिसने यह अवार्ड जीता ! मुझे हैरानी है कि कहीं मीडिया में इस खबर की चर्चा तक नही हैं, इस बेटी ने दुनिया को गणित में भारत का लोहा मनवाया है। मीडिया वालों जब अर्धनंगी ब्रह्मांड सुंदरी से थोड़ा समय मिल जाए तो रामानुजन_अवार्ड से सम्मानित भारतीय गणितज्ञ नीना गुप्ता की उपलब्धि की भी सुध ले लेना, पर दुर्भाग्य इस देश में अर्धनंगों, नशेड़ियों ओर देशद्रोहियों को तो मीडिया कवरेज मिलती है, पर नीना गुप्ता जैसी बेटियां जो देश का नाम रोशन करती है उन्हें मीडिया कवरेज नही मिलती।” हार्दिक बधाई!”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

वायरल पोस्ट में दो दावे किये जा रहे हैं इसलिए हमने पड़ताल दो भागों में करने का फैसला किया।

पहला दावा

‘नीना गुप्ता गणितज्ञ को हाल ही में रामानुजन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।’

भारत सरकार के वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी विभाग की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘युवा गणितज्ञों के लिए रामानुजन पुरस्कार 22 फरवरी 2022 को कोलकाता में इंडियन स्टैटिकल इंस्टीट्यूट के एक वर्चुअल समारोह में गणितज्ञ प्रोफेसर नीना गुप्ता को प्रदान किया गया। उन्हें वर्ष 2021 का पुरस्कार एफाइन अलजेब्रिक ज्योमेट्री और कम्यूटेटिवे अलजेब्रा में उनके कार्य के लिए मिला है।’

इंडियन एक्सप्रेस की 15 दिसंबर 2021 की खबर के मुताबिक, ‘कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान में गणितज्ञ और प्रोफेसर नीना गुप्ता को विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों के लिए 2021 DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।’

दूसरा दावा

‘नीना गुप्ता एकमात्र भारतीय महिला हैं, जिसने यह अवॉर्ड जीता’

जागरण जोश की 15 दिसंबर 2021 की खबर के मुताबिक, ‘कोलकाता स्थित इंडियन स्टैटिस्टकल इंस्टीट्यूट (ISI) की प्रोफेसर नीना गुप्ता (Neena Gupta) को गणित के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक रामानुजम प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन से सम्मानित किया गया है। प्रोफेसर नीना गुप्ता रामानुजन पुरस्कार (Ramanujan Prize 2021) प्राप्त करने वाली तीसरी महिला हैं।

आईसीटीपी की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, सबसे पहले 2006 में सुजाता रामदोरई में इस प्राइज को जीता।

सुजाता रामदोराई को यह पुरस्कार अलजेब्रा के अरिथमैटिक्स की किस्मों पर उनके काम और गैर-कम्यूटेटिव इवासावा सिद्धांत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया।

रामानुजन प्राइज फॉर यंग मैथमेटिशियन हर साल विकासशील देशो में युवा गणितज्ञों को दिया जाता है, जो 45 वर्ष से कम आयु के हैं। यह पुरस्कार श्रीनिवास रामानुजन की स्मृति में प्रदान किया जाता है और इस प्राइज को इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फ़िज़िक्स रामानुजन पुरस्कार भी कहा जाता है।

पड़ताल से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने हमारे साथी दैनिक जागरण में एजुकेशन और फीचर स्टोरीज को कवर करने वाली कॉरेस्पॉन्डेंट रितिका मिश्रा से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया कि नीना गुप्ता को 2021 का रामानुजन अवार्ड मिला था। वह पहली भारतीय महिला नहीं हैं, जिन्हें यह इनाम मिला है।’

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर राजस्थान की रहने वाली हैं।

निष्कर्ष: गणितज्ञ नीना गुप्ता ने रामानुजन अवॉर्ड साल 2021 में जीता था । हाल-फिलहाल जीते जाने का दावा भ्रामक है। इस अवॉर्ड को जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला नहीं हैं। पहली भारतीय सुजाता रामदुराई थीं, जिन्होंने इसे 2006 में जीता था।

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