Fact Check : पुलिस लाठीचार्ज का यह वीडियो साल 2021 का है, भ्रामक दावे से वायरल

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि पुलिस लाठीचार्ज का वायरल वीडियो हालिया नहीं है, बल्कि साल 2021 का है। कानपुर के पुराने वीडियो को हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें पुलिस को एक व्यक्ति को बर्बरता से पीटते हुए देखा जा सकता है। व्यक्ति ने गोद में बच्चे को पकड़ा हुआ है। सोशल मीडिया यूजर्स वीडियो को पिछले कई दिनों से शेयर कर रहे हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि यह कानपुर की हालिया घटना का वीडियो है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया घटना का नहीं है, बल्कि पुराना है। साल 2021 की घटना के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘HIJAM RAJEN’ (आर्काइव लिंक) ने 14 मई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,”#कानपुर : साहेब बच्चे को लग जाएगी, बच्चे को लग जाएगी साहब. पुलिस की मार खाता ये व्यक्ति चीखता रहा लेकिन खाकी के नशे में चूर इन पुलिस वालों ने एक ना सुनी. अगर बच्चे को कुछ हों जाता तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेता।”

पड़ताल

वाइरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से सर्च किया। हमें वीडियो से जुड़ी खबर दैनिक जागरण डॉट कॉम पर मिली। 10 दिसंबर 2021 को प्रकाशित खबर में वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है। खबर में बताया गया है,”जिला अस्पताल में धरना-प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर पुलिस ने बर्बरता के साथ लाठियां बरसाईं। इसका एक वीडियो वायरल हुआ तो इंसानियत तार-तार हो गई और पुलिस की हैवानियत सामने आ गई। अस्पताल के बाहर इंस्पेक्टर एक युवक पर लाठियां बरसाते रहे और वह गोद में रो रहे बच्चे का हवाला देकर छोड़ने की गुहार लगाता रहा। वीडियो वायरल होने पर पुलिस के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में घटना आई।”

वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट जनहित टाइम्स के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। 10 दिसंबर 2021 को अपलोड वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा गया है,”उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से पुलिस की बर्बरता का एक विडियो सामने आया है. इस वीडियो में एक पुलिसवाला एक शख्स पर लाठियां बरसा रहा है और जिस शख्स के साथ ये शर्मनाक हरकत हुई है, उसकी गोद में बच्चा रो रहा है।”

वीडियो को लेकर हमें कानपुर देहात पुलिस का एक ट्वीट मिला। 10 दिसंबर 2021 को किए गए ट्वीट में बताया गया है,”दि0 9.12.21 को जिला अस्पताल कानपुर देहात में प्रदर्शनकारियों द्वारा #OPD सेवा एवं चिकित्सा सेवाओं को बाधित करते हुए पुलिस से भी अभद्रता की गयी।स्थिति नियंत्रण करने के दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा असंवेदनशीलता का परिचय दिया गया, जिसको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।”

हमें कानपुर देहात पुलिस का एक वीडियो भी मिला। 10 दिसंबर 2021 को शेयर वीडियो में बताया गया,”थाना अकबरपुर क्षेत्र के जिला अस्पताल में हुई घटना के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक कानपुर देहात द्वारा थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है,के सम्बन्ध में केशव कुमार चौधरी द्वारा दी गयी बाईट।”

वीडियो से जुड़ी अन्य रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण कानपूर के आउटपुट हेड दिवाकर मिश्रा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है। यह पुरानी घटना का वीडियो है।

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को शेयर करने वाले यूजर को स्कैन किया। पता चला कि यूजर को फेसबुक पर एक हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि पुलिस लाठीचार्ज का वायरल वीडियो हालिया नहीं है, बल्कि साल 2021 का है। कानपुर के पुराने वीडियो को हालिया बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है।

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