Fact Check: लापता सैनिक का शव मिलने की घटना 2021 की है, हालिया बताकर शेयर कर रहे हैं लोग

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में दावा भ्रामक निकला। 2021 की घटना को अब हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में एक सैनिक की तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद के एक शहीद जवान अमरीश त्यागी का 16 साल बाद बर्फ में दबा शव मिला है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की  जांच की तो पता चला कि करीब 3 साल पुरानी घटना को अब सोशल मीडिया में हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर Bikash Oram Bikash ने 10 नवंबर 2024 को इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया: “गाजियाबाद के शहीद जवान अमरीश त्यागी का 16 साल बाद बर्फ में दबा मिला शव, 1 सेकंड का समय हो तो जय हिंद जरूर लिखें।’

फेसबुक पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर एक बार पहले भी भ्रामक दावे के साथ वायरल हुई थी और उस समय भी विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की थी। सच्चाई जानने के लिए गूगल ओपन सर्च टूल का सहारा लिया तो हमें अमर उजाला की वेबसाइट पर इस मामले में एक खबर मिली। इस खबर में लगी फीचर इमेज में उसी सैनिक की तस्वीर थी, जिनकी तस्वीर वायरल पोस्ट में थी। 29 सितंबर 2021 को पब्लिश इस खबर के अनुसार, “शहीद सैनिक अमरीश त्यागी का 16 साल बाद मंगलवार को सैनिक सम्मान के साथ गाजियाबाद के मुरादनगर के गांव हिसाली में अंतिम संस्कार हुआ……………. 2005 सितंबर में सेना का 25 सदस्यीय दल ने हिमालय की सबसे ऊंची चोटी सतोपंथ (7075) पर तिरंगा फहराया था। इस दल में अमरीश त्यागी भी शामिल थे। पर्वतारोही दल जब तिरंगा फहराकर लौट रहा था तो 23 सितंबर को अचानक चार जवानों के पैर फिसल गए, वह बर्फ की खाई में जा गिरे। रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए थे। अमरीश का शव नहीं मिला था। बड़े भाई विनेश त्यागी ने बताया कि 2006 में सेना ने अमरीश त्यागी को मृत घोषित कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। इसके बाद 23 सितंबर 2021 को अमरीश का शव गंगोत्री हिमालय से बरामद हुआ। सेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मंगलवार सुबह करीब 10:10 बजे सैनिक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।”

कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें इस मामले में कई न्यूज पोर्टल्स पर 2021 की खबरें मिलीं।

हमने इस विषय में दैनिक जागरण के गाजियाबाद संवाददाता आदित्य त्रिपाठी से भी बात की थी। उन्होंने कन्फर्म  किया था कि ये घटना 2021 की थी।

इस भ्रामक खबर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Bikash Oram Bikash के 12 550 से अधिक फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में दावा भ्रामक निकला। 2021 की घटना को अब हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है।

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