Fact Check: दो साल पुराने बरेली के वीडियो को असम का बताकर किया जा रहा वायरल

उत्तर प्रदेश के बरेली के करीब दो साल पुराने वीडियो को असम का बताकर वायरल किया जा रहा है। यह लॉकडाउन के दौरान का वीडियो है। इसका असम से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 2.12 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पुलिसवाले कुछ लोगों पर लाठीचार्ज कर रहे हैं। पुलिस कुछ लोगों को घर से भी उठाकर ला रही है। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि असम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने की मांग को लेकर जुलूस निकाला। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो यूपी के बरेली का है। यह करीब दो साल पहले का मामला है, जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा था। वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर ‘महर्षि अरविंद’ (आर्काइव) ने 2 मई को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
आसाम में मुसलमानों ने अलग देश बनाने के लिए जुलूस निकाला, फिर उनका हाल देखिए…
आसाम के मुख्यमंत्री योगी से भी दो कदम आगे है…
जय श्री राम

ट्विटर यूजर Dr.RajlaxmiSaini (आर्काइव) ने भी इस वीडियो को पोस्ट करते हुए समान दावा किया।

https://twitter.com/DRajlaxmisaini/status/1521158542149001221

हमें व्हाट्सऐप पर भी यह वीडियो मिला है।

पड़ताल

वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमें उसमें हिंदी में लिखे कुछ बोर्ड दिखे। एक बैरिकेड पर ‘कन्या पीजी कॉलेज‘ जबकि एक अन्य जगह ‘पुलिस‘ लिखा हुआ दिखा। वीडियो में लोग भी हिंदी बोलते हुए सुने जा सकते हैं। मतलब यह वीडियो किसी हिंदीभाषी क्षेत्र की है।

इसके बाद हमने गूगल के InVID टूल की मदद से इसके कीफ्रेम्स निकाले और उनको गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें TIMES NOW के यूट्यूब चैनल पर 6 अप्रैल 2020 को अपलोड की गई वीडियो न्यूज मिली। इसमें वायरल वीडियो के कुछ हिस्से भी मिल गए। इसके मुताबिक, लॉकडाउन को लागू करा रही पुलिस पर बरेली में हमला किया गया है। इसमें कुछ पुलिसवालों को चोटें भी आई हैं।

एनडीटीवी में 6 अप्रैल 20202 को छपी वीडियो न्यूज में भी वायरल वीडियो की क्लिपिंग देखी जा सकती है। खबर के मुताबिक, जब पुलिस बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र में लॉकडाउन का पालन कराने गई थी तो उस पर कुछ उपद्रवियों ने हमला कर दिया। इसमें कुछ पुलिसवाले घायल हुए हैं।

6 अप्रैल 2020 को News18 India के यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो न्यूज में भी इस खबर को देखा जा सकता है।

इस बारे में हमने बरेली दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ अशोक को भी वायरल वीडियो भेजा। उनका कहना है, यह वीडियो दो साल पुराना है। यह लॉकडाउन के दौरान का मामला था।

बरेली के करीब दो साल पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक पेज ‘महर्षि अरविंद‘ को हमने स्कैन किया। 13 सितंबर 2018 को बने इस पेज को 74 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के बरेली के करीब दो साल पुराने वीडियो को असम का बताकर वायरल किया जा रहा है। यह लॉकडाउन के दौरान का वीडियो है। इसका असम से कोई संबंध नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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