Fact Check: JDU-BJP गठबंधन टूटने के बाद पटना में नहीं लगा ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर

बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद पटना की सड़कों पर 'नीतीश सबके हैं' स्लोगन वाला पोस्टर नजर नहीं आया और इस दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्टर वास्तव में पिछले विधानसभा चुनाव के समय का है, जब जनता दल यूनाइटेड ने मतदाताओं को व्यापक संदेश देने के लिए इस पोस्टर को लगाया था, जिसमें केवल नीतीश कुमार की तस्वीर थी।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बिहार में एनडीए से नीतीश कुमार के अलग होने के बाद सोशल मीडिया पर ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाले पोस्टर की तस्वीर वायरल हो रही है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि एनडीए से जनता दल यूनाइटेड की पार्टी के अलग होने के बाद बिहार की राजधानी पटना में नए पोस्टर लगाए गए हैं। कई न्यूज एजेंसियों ने भी इस पोस्टर को अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। वायरल हो रहा पोस्टर बिहार के हालिया सियासी घटनाक्रम से संबंधित नहीं है। जेडीयू ने यह पोस्टर 2020 में पिछले बिहार चुनाव के दौरान लगाया था, जिस पर केवल नीतीश कुमार की तस्वीर थी। इसी पुराने पोस्टर को नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने के बाद का बताकर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Mirganj Bihar’ ने वायरल पोस्टर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”नीतीश सबके हैं- भाजपा से गठबंधन टूटते ही बदला पोस्टर। 5 साल बाद फिर से नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन टूट गया है। राजद, कांग्रेस और वामदलों ने नीतीश सरकार को समर्थन देने के लिए पत्र तैयार कर लिया है।”

कई अन्य यूजर्स ने इस पोस्टर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को हालिया सियासी घटनाक्रम से जोड़कर शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल पोस्टर में नीतीश कुमार की तस्वीर के साथ ‘नीतीश सबके हैं’ का नारा लिखा हुआ है। इस की-वर्ड से सर्च करने पर हमें टीवी9 हिंदी की वेबसाइट पर सात अक्टूबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली, जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।

टीवी9 भारतवर्ष में सात अक्टूबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट

दी गई जानकारी के मुताबिक, बिहार चुनाव के दौरान जनता दल यूनाइटेड ने ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर लगाकर राज्य की जनता को यह बताने की कोशिश की है कि कोई भी मजहब हो या जाति, नीतीश कुमार सबके हैं। इस पोस्ट में पार्टी के निशान और नीतीश कुमार के अलावा किसी अन्य की तस्वीर नहीं लगाई गई थी।

लाइव हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर दो अक्टूबर 2020 को प्रकाशित रिपोर्ट में भी यह तस्वीर नजर आ रही है। रिपोर्ट के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक, यह पोस्टर विधानसभा चुनाव के प्रचार से संबंधित है, जब जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी मुख्यालय के बाहर ‘तरक्की दिखती है, नीतीश सबके हैं’ होर्डिंग लगाकर मतदाताओं को संदेश देने की कोशिश की थी।

फेसबुक समेत सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी अनगिनत यूजर्स ने इस पोस्टर को अपनी प्रोफाइल से अक्टूबर 2020 के महीने में शेयर किया है।

सोशल मीडिया यूजर की प्रोफाइल से 10 अक्टूबर 2020 को ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर

हमारी अब तक की पड़ताल से स्पष्ट है कि बिहार में एनडीए से नीतीश कुमार के अलग होने के बाद पटना की सड़कों पर ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर नहीं लगा और इस दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्टर पिछले विधानसभा चुनाव प्रचार से संबंधित है, जब जेडीयू ने मतदाताओं को संदेश देने के लिहाज से इस पोस्टर को लगाया था।

वायरल पोस्टर को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण में जेडी-यू कार्यालय को कवर करने वाले संवाददाता भुवनेश्वर वात्सयायन ने संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल हो रहा पोस्टर पिछले विधानसभा चुनाव से संबंधित है। जेडी-यू और बीजेपी के बीच गठबंधन टूटने के बाद पटना में ऐसा कोई पोस्टर नहीं लगाया गया।

गौरतलब है कि लंबी सियासी खींचतान के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होने की घोषणा करते हुए नौ अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

नीतीश कुमार अब राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सहयोग से बिहार में सरकार बनाने जा रहे हैं। वे लगातार आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर आज शपथ लेंगे और नई सरकार में तेजस्वी यादव उप-मुख्यमंत्री होंगे।

वायरल पोस्टर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब एक लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद पटना की सड़कों पर ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर नहीं लगाया गया। इस दावे के साथ वायरल हो रहा पोस्टर वास्तव में पिछले विधानसभा चुनाव के समय का है, जब जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) ने मतदाताओं को व्यापक संदेश देने के लिए इस पोस्टर को लगाया था, जिसमें केवल नीतीश कुमार की तस्वीर थी।

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