Fact Check: आंध्र प्रदेश में मेडिकल छात्राओं के साथ बदसलूकी के 2019 के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं है। वीडियो 2019 का है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ छात्राओं और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई देखी जा सकती है। पोस्ट को अभी शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि वीडियो हालिया है।  विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं है। वीडियो 2019 का है।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर Basimsetty Gopi’ (Archive) ने वायरल फुटेज को शेयर करते हुए लिखा है, ” अनुवादित: अमरावती: एलुरु में मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने समस्या के बारे में बात करने के लिए पुलिस स्टेशन जाने पर कांस्टेबल ने वीडियो टेप करने की कोशिश की। आप खुद ही देख लीजिए कि लड़कियों के साथ उन्होंने कितना बुरा सलूक किया। हमें यह देखने की जरूरत है कि राज्य महिला आयोग और पुलिस इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है…”

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने कीवर्ड सर्च का सहारा लिया। हमें ऐसी किसी घटना पर कोई हालिया रिपोर्ट तो नहीं मिली मगर 2019 की ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं। thelogicalindian.com पर 5 मई 2019 को पब्लिश्ड खबर के अनुसार, “अनुवादित: एक चौंकाने वाली घटना में एक पुलिसकर्मी द्वारा अपने फोन पर प्रदर्शन का वीडियो बनाये जाने की कोशिश कर रहे एक पुलिसकर्मी द्वारा 1 मई को एक मेडिकल छात्रा के साथ मारपीट करने के बाद शांतिपूर्ण विरोध हिंसक हो गया। यह घटना अल्लूरी सीताराम राजू आयुर्विज्ञान अकादमी (ASRAMS) में हुई।” रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिविल यूनिफॉर्म में  एक कॉन्स्टेबल छात्राओं की रिकॉर्डिंग कर रहा था। छात्रों ने यह देखा तो उनसे कैमरा छीनने का प्रयास किया। यहीं से तनातनी की शुरुआत हुई थी। 

हमें यही वीडियो Philomina नाम के यूट्यूब चैनल पर भी 2019 में अपलोडेड मिला।

हमने इस विषय में ASRAM मेडिकल कॉलेज, अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से फ़ोन के ज़रिये संपर्क साधा। कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेशन कंट्रोलर विकाशन ने हमें बताया कि ऐसी कोई घटना हाल में कॉलेज में नहीं हुई है। हाँ 2019 में ऐसा हुआ था।

वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर बासिमसेट्टी गोपी को फेसबुक पर 9000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं है। वीडियो 2019 का है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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