Fact Check: 2019 में जामिया की लाइब्रेरी पर हुए हमले को किया जा रहा हालिया स्टूडेंट प्रोटेस्ट से जोड़ते हुए वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो 2019 का सीएए प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी पर हुए पुलिस कार्रवाई का है। अब इस पुराने वीडियो को हालिया हालात से जोड़ते हुए गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है।

नयी दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश में छात्रों के हुए प्रदर्शन के बाद से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पुलिसवालों को एक लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को शेयर करते हुए यूजर उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो हाल में उत्तर प्रदेश में हुए छात्रों के प्रदर्शन के बाद पुलिस की कार्रवाई का है। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो 2019 में सीएए प्रदर्शन के दौरान जामिया इस्लामिया मिलिया की लाइब्रेरी पर हुए पुलिस कार्रवाई का है। अब इस पुराने वीडियो को हालिया हालात से जोड़ते हुए गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, ‘”उत्तरप्रदेश शासन को धन्यवाद कहना ‘पढ़ने गए बच्चे ज़िंदा घर लौट सके’ “~अभिवावक।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो को गौर से देखा। वीडियो एक सीसीटीवी फुटेज है और इसमें बाएं तरफ हमें फुटेज की डेट और टाइम नज़र आया। इसमें 15 दिसंबर 2019 की डेट साफ़ नज़र देखी जा सकती है।

गूगल टाइम टूल का इस्तेमाल करते हुए हमने डेट सेट की और कीवर्ड डाल कर न्यूज़ सर्च किया। सर्च में हमें इकोनॉमिक टाइम और एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर 16 फरवरी 2020 को अपलोड हुआ यही वायरल वीडियो मिला। यहाँ दी गई जानकारी के मुताबिक, 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में हिंसा का वीडियो जारी किया गया है, जिसमें पुलिस को लाठीचार्ज करते हुए देखा जा सकता है।”

इसी मामले से जुड़ी खबर हमें एबीपी लाइव की वेबसाइट पर भी मिला। खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर को हुई हिंसा और पुलिस कार्रवाई पर कुछ छात्रों द्वारा एक सीसीटीवी फुटेज को सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है। जिसमें कुछ पुलिसकर्मी लाइब्रेरी के अंदर दाखिल होते नजर आते हैं और वे उस समय लाइब्रेरी के अंदर मौजूद छात्रों को लाठियों से पीटते भी दिख रहे हैं। इस पूरे मामले पर दिल्ली पुलिस कमिश्नर (क्राइम) प्रवीण रंजन ने कहा है कि पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।

रेलवे भर्ती परीक्षा परिणाम आने के बाद देश भर में हो रहे हंगामे से जुडी खबर के मुताबिक, ‘इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर छात्रों ने पुलिस प्रशासन की बर्बरता का विरोध किया। एहतियात के तौर पर भारी फोर्स भी तैनात है। लाठीचार्ज करने पर इंस्पेक्टर समेत छह पुलिसकर्मियों के निलंबन और मामला हाई कोर्ट तथा चुनाव आयुक्त तक पहुंच जाने की वजह से अब पुलिस भी बैकफुट पर है।’

विश्वास न्यूज़ ने अपने सहयोगी संस्थान दैनिक जागरण में प्रयागराज के रिपोर्टर बृजेश श्रीवस्तव से संपर्क किया और उन्होंने हमें बताया, ‘छात्रों के प्रदर्शन प्रयागराज और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में चल रहे थे, जिसके बाद हिंसा भी हुई थी।पुलिस के कुछ अधिकारी सस्पेंड भी हुए हैं, लेकिन अब रेलवे स्टेशन और ऐसी हर जगह पर भारी पुलिस तैनात है।

हमने साउथ दिल्ली और सीएए प्रदर्शन को कवर करने वाले चीफ रिपोर्टर अरविन्द कुमार द्विवेदी से संपर्क किया और वायरल वीडियो उनके साथ शेयर की। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो, जामिया यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी का ही है, जब दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर देवेश की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 2,436 लोग फॉलो करते हैं और यूजर बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो 2019 का सीएए प्रदर्शन के दौरान जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी पर हुए पुलिस कार्रवाई का है। अब इस पुराने वीडियो को हालिया हालात से जोड़ते हुए गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट