Fact Check: दिसंबर 2019 में गोरखपुर में हुए पुलिस लाठीचार्ज का है यह वायरल वीडियो, कानपुर से नहीं है कोई संबंध

गोरखपुर में दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उस वीडियो को कानपुर से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कानपुर में हुई हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो 21 सेकंड का भी है। इसमें पुलिस लाठीचार्ज करती दिख रही है। इसे शेयर करके यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो कानपुर का है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 का गोरखपुर का है। सीएए के प्रदर्शन के दौरान पथराव होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इसका कानपुर से कोई संबंध नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Sunita Parihar (आर्काइव लिंक) ने 5 जून को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,
यह विशाल भंडारा कानपुर में चल रहा है जिन्हें भी विशाल भंडारे में प्रसाद लेना चाहते हैं वह लाइन से क्रमबद्ध होकर अवश्य पधारें उन्हें प्रसाद संपूर्ण रूप से दिया जाएगा ताकि दोबारा आपको प्रसाद लेने की आवश्यकता ना पड़े आइए और प्रसाद ग्रहण कीजिए विशाल भंडारे में आप ही का प्रसाद है और आप ही को दिया जा रहा है जैसा आप ने बनाया है वैसा ही आप को परोसा जा रहा है
जय श्री राम

ट्विटर यूजर @AASHRAY90338453 (आर्काइव लिंक) ने भी 5 जून को वीडियो पोस्ट करते हुए समान दावा किया।

https://twitter.com/AASHRAY90338453/status/1533420474461433856

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने गूगल के इनविड टूल से इसकी कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल रिवर्स इमेज से सर्च किया। इसमें हमें 26 फरवरी 2020 को @SureshChavhanke द्वारा किया ट्वीट मिला। उन्होंने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा था, दंगाइयों के लिए भंडारे का आयोजन किया गया है। प्रसाद अवश्य ले कर जाए

https://twitter.com/SureshChavhanke/status/1232593863522447360

इसके कमेंट्स देखने पर हमें @iamshubham2796 यूजर द्वारा किया गया रिप्लाई मिला। उन्होंने लिखा है,
ये उत्तर प्रदेश गोरखपुर का वीडियो है December महीने का ।

इसके बाद हमने कीवर्ड से इसे यूट्यूब पर सर्च किया। इसमें 20 दिसंबर 2019 को Live Hindustan यूट्यूब चैनल पर अपलोड की गई वीडियो न्यूज मिली। इसमें वायरल वीडियो को भी देखा जा सकता है। इसका टाइटल है, गोरखपुर : सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पथराव में दो घायल,लाठीचार्ज। इसके डिस्क्रिप्शन में लिखा है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लोगों ने नखास चौक पर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।

20 दिसंबर 2019 को patrika में छपी खबर के मुताबिक, शुक्रवार को सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन उग्र हो गया। नखास के पास पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज भी किया। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।

इस बारे में हमने ये स्टोरी कवर करने वाले गोरखपुर के स्थानीय पत्रकार धीरेंद्र से बात की। उनका कहना है, ‘यह वीडियो 2019 का नखास के पास का है। प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।’

वीडियो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर ‘सुनीता परिहार’ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: गोरखपुर में दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में प्रदर्शन हुआ था। प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उस वीडियो को कानपुर से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।

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