Fact Check: शिमला में अवैध क़ब्ज़े वाली ज़मीन पर लगे पेड़ों को काटने का वीडियो हुआ कश्मीर के नाम से वायरल

नई दिल्ली ( विश्वास टीम)। कश्मीर के नाम से फ़र्ज़ी वीडियो और तस्वीरों के वायरल होने का सिलसिला अबतक जारी है। विश्वास टीम के हाथ एक वीडियो लगा जिसमें फॉरेस्ट ऑफिसर्स को सेब के पेड़ों को काटते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर का दावा है कि यह वीडियो कश्मीर का है, जबकि विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फ़र्ज़ी साबित होता है। यह वीडियो 2018 का हिमाचल प्रदेश के शिमला का है, जहाँ हाई कोर्ट के आदेश के बाद अवैध क़ब्ज़े वाली ज़मीन पर लगे पेड़ों को काटा जाना था।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर ‘Amjad Khan Pathan’ ने ‘‎इस्लाम से बढ़कर कोई दीन नही’ नाम के पेज पर 13 सितम्बर को एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में वन विभाग के अधिकारी सेब के पेड़ों को काटते हुए नज़र आरहे हैं। पोस्ट के साथ कैप्शन लिखा गया है, ”कश्मीरी लोगों को बर्बाद करने के लिए अब सेब के पेड़ को काटकर बागान को बर्बाद करने लगे हैं”।

35 सेकंड के इस वीडियो को अबतक 782 लोगों ने शेयर किया है वहीं 257 लोग इस वीडियो पर अपना रिएक्शन दे चुके हैं ।

पड़ताल

विश्वास टीम ने सबसे पहले यह जानने की कोशिश की कि यह वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ कितना फैला हुआ है। हमने पाया कि कई फेसबुक यूजर्स इसे शेयर कर रहे हैं।

सबसे पहले हमने InVid टूल के ज़रिये वीडियो के कीफ्रेम्स निकाल कर सर्च किया,लेकिन इस सर्च में हमारे हाथ कोई मुनासिब लिंक नहीं लगा। अब हमने वीडियो को यूट्यूब पर तलाश करना शुरू किया और थोड़ी-सी जद्दोजहद के बाद हमारे हाथ ‘Rakesh Chauhan’ नाम के यूट्यूब अकाउंट की तरफ से 26 जुलाई 2018 को शेयर किया गया एक वीडियो लगा। वीडियो के साथ दी गयी सुर्खी है, ”Cutting Down of Apple Trees | Apple plants felling on Shimla HP India”। यह वही वीडियो था जिसे अब कश्मीर के नाम से वायरल किया जा रहा है। इससे दो बातें साफ़ हो गई कि यह वीडियो अभी का नहीं, बल्कि शिमला का 2018 का है।

अब हमने गूगल पर मुनासिब कीवर्ड डाल कर सर्च करना शुरू किया और हमारे हाथ 10 मई 2018 को पब्लिश की गयी Indian Express की एक खबर का लिंक लगा। खबर की सुर्खी है, ”Himachal: High Court gives one week to SIT to clear forest encroachment” . खबर में बताया गया की हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अवैध क़ब्ज़े वाली ज़मीन पर लगे पेड़ों को एक हफ्ते की अंदर हटाने का हुक्म दिया है।

अब यह तो साफ़ हो चुका था कि वीडियो कश्मीर का नहीं, बल्कि शिमला का है। मामले की पुष्टि के लिए हमने शिमला के एसपी ओमपति जम्वाल से बात की। उन्होंने हमें बताया, ”यह वीडियो पिछले साल का शिमला का है और वीडियो में नज़र आ रहे जवान भी हमारे ही हैं। हाई कोर्ट के आदेश के बाद यह कदम उठाया गया था।”

अब बारी थी इस वीडियो को फ़र्ज़ी हवाले की साथ वायरल करने वाले यूजर Amjad Khan Pathan की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यह यूजर राजस्‍थान के उदयपुर का रहने वाला है। इस प्रोफाइल से ज्‍यादातर वीडियो शेयर किए जाते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में कश्मीर के नाम से वायरल हो रहा वीडियो फ़र्ज़ी साबित होता है। वीडियो कश्मीर का नहीं, बल्कि 2018 का शिमला है, जहाँ हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए हुक्म के मुताबिक़ अवैध क़ब्ज़े वाली ज़मीन पर लगे पेड़ों को काटा गया था।

False
Symbols that define nature of fake news
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