Fact Check: मध्य प्रदेश की चार साल पुरानी फोटो लखनऊ के रिटायर्ड कर्नल की आत्महत्या के मनगढ़ंत दावे के साथ वायरल

एक चिता पर रखे पति-पत्नी के शवों की फोटो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की है। दोनों की करीब चार साल पहले 2018 में मौत हो गई थी, जबकि लखनऊ के नाम पर वायरल हो रही कहानी मनगढ़ंत है। इस तरह की कोई घटना हाल-फिलहाल में वहां नहीं हुई है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक चिता पर रखे हुए बुजुर्ग दंपती के शवों की फोटो वायरल हो रही है। कुछ यूजर्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि लखनऊ में एक रिटायर्ड कर्नल ने अपने बेटों की बेरुखी से दुखी होकर आत्महत्या कर ली। वह बड़े बेटे के अपनी पत्नी की मौत पर नहीं आने से दुखी थे। रिटायर्ड कर्नल और उनकी पत्नी की चिता एकसाथ जली।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल फोटो मध्य प्रदेश के मुरैना की है। वहां करीब चार साल पहले बुजुर्ग पति-पत्नी की चिता एक साथ जली थी। वहीं, लखनऊ में हाल-फिलहाल में रिटायर्ड कर्नल की आत्महत्या जैसी कोई खबर नहीं है। मध्य प्रदेश की चार साल पुरानी फोटो को लखनऊ की मनगढ़ंत कहानी के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Dwivedi Ramji (आर्काइव लिंक) ने 10 सितंबर को फोटो पोस्ट करते हुए लिखा,

पिता का समाज व पुत्रों के नाम पत्र
लखनऊ के एक उच्चवर्गीय बूढ़े पिता ने अपने पुत्रों के नाम एक चिट्ठी लिखकर खुद को गोली मार ली।
चिट्टी क्यों लिखी और क्या लिखा। यह जानने से पहले संक्षेप में चिट्टी लिखने की पृष्ठभूमि जान लेना जरूरी है।
पिता सेना में कर्नल के पद से रिटार्यड हुए । वे लखनऊ के एक पॉश कॉलोनी में अपनी पत्नी के साथ रहते थे। उनके दो बेटे थे। जो सुदूर अमेरिका में रहते थे। यहां यह बताने की जरूरत नहीं है कि माता-पिता ने अपने लाड़लों को पालने में कोई कोर कसर नहीं रखी। बच्चे सफलता की सीढ़िंया चढते गए। पढ़-लिखकर इतने योग्य हो गए कि दुनिया की सबसे नामी-गिरामी कार्पोरेट कंपनी में उनको नौकरी मिल गई। संयोग से दोनों भाई एक ही देश में,लेकिन अलग-अलग अपने परिवार के साथ रहते थे।
एक दिन अचानक पिता ने रूंआसे गले से बेटों को खबर दी। बेटे! तुम्हारी मां अब इस दुनिया में नहीं रही । पिता अपनी पत्नी की मिट्टी के साथ बेटों के आने का इंतजार करते रहे। एक दिन बाद छोटा बेटा आया, जिसका घर का नाम चिंटू था।
पिता ने पूछा चिंटू! मुन्ना क्यों नहीं आया। मुन्ना यानी बड़ा बेटा।पिता ने कहा कि उसे फोन मिला, पहली उडान से आये।
धर्मानुसार बडे बेटे का आना सोच वृद्व फौजी ने जिद सी पकड़ ली।
छोटे बेटे के मुंह से एक सच निकल पड़ा। उसने पिता से कहा कि मुन्ना भईया ने कहा कि, “मां की मौत में तुम चले जाओ। पिता जी मरेंगे, तो मैं चला जाऊंगा।”
कर्नल साहब (पिता) कमरे के अंदर गए। खुद को कई बार संभाला फिर उन्होंने चंद पंक्तियो का एक पत्र लिखा। जो इस प्रकार था-
प्रिय बेटो
मैंने और तुम्हारी मां ने बहुत सारे अरमानों के साथ तुम लोगों को पाला-पोसा। दुनिया के सारे सुख दिए। देश-दुनिया के बेहतरीन जगहों पर शिक्षा दी। जब तुम्हारी मां अंतिम सांस ले रही थी, तो मैं उसके पास था।वह मरते समय तुम दोनों का चेहरा एक बार देखना चाहती थी और तुम दोनों को बाहों में भर कर चूमना चाहती थी। तुम लोग उसके लिए वही मासूम मुन्ना और चिंटू थे। उसकी मौत के बात उसकी लाश के पास तुम लोगों का इंतजार करने लिए मैं था। मेरा मन कर रहा था कि काश तुम लोग मुझे ढांढस बधाने के लिए मेरे पास होते। मेरी मौत के बाद मेरी लाश के पास तुम लोगों का इंतजार करने के लिए कोई नहीं होगा। सबसे बड़ी बात यह कि मैं नहीं चाहता कि मेरी लाश निपटाने के लिए तुम्हारे बड़े भाई को आना पड़े। इसलिए सबसे अच्छा यह है कि अपनी मां के साथ मुझे भी निपटाकर ही जाओ। मुझे जीने का कोई हक नहीं क्योंकि जिस समाज ने मुझे जीवन भर धन के साथ सम्मान भी दिया, मैंने समाज को असभ्य नागरिक दिये। हाँ अच्छा रहा कि हम अमरीका जाकर नहीं बसे, सच्चाई दब जाती।
मेरी अंतिम इच्छा है कि मेरे मैडल तथा फोटो बटालियन को लौटाए जाए तथा घर का पैसा नौकरों में बाटा जाऐ। जमापूँजी आधी वृद्ध सेवा केन्द्र में तथा आधी सैनिक कल्याण में दी जाऐ।
तुम्हारा पिता
कमरे से ठांय की आवाज आई। कर्नल साहब ने खुद को गोली मार ली।
यह क्यों हुआ, किस कारण हुआ? कोई दोषी है या नहीं। मुझे इसके बारे में कुछ नहीं कहना।
हाँ यह काल्पनिक कहानी नहीं। पूरी तरह सत्य घटना है।

सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट।

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले फोटो को रिवर्स इमेज से सर्च किया। बिंग रिवर्स इमेज सर्च से हमें फेसबुक यूजर Online Sandesh पर वायरल फोटो मिल गई। इसे 9 जून 2020 को अपलोड किया गया है। हालांकि, इसमें कोई जानकारी नहीं दी गई है। मतलब यह फोटो हाल-फिलहाल की नहीं है।

यांडेक्स रिवर्स इमेज सर्च से हमें एक ब्लॉग पर यह फोटो मिली। surajlmishra ब्लॉग पर इस पोस्ट को 18 नवंबर 2019 को किया गया है। इसमें लिखा है कि मामला मध्य प्रदेश के पोरसा का है। वहां एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। अंतिम संस्कार के लिए ले जाते समय उनकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।

सर्च में हमें फेसबुक यूजर ‘Indian army इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है‘ की प्रोफाइल पर भी यह फोटो मिली। इसे 5 सितंबर 2018 को अपलोड किया गया है। इसमें भी पोरसा के पंडित जी का जिक्र किया गया है। पति की मौत के बाद पत्नी ने भी दम तोड़ दिया।

गूगल ओपन सर्च में हमें चार साल पहले दिव्य मराठी में छपी खबर का लिंक मिला। इसमें बुजुर्ग पति-पत्नी की फोटो दूसरे एंगल से दी गई है। खबर के अनुसार, पति का नाम छोटेलाल शर्मा और पत्नी का नाम गंगादेवी था। दोनों की शादी 70 साल पहले हुई थी। छोटेलाल की मौत की खबर जब गंगादेवी को दी गई तो वह बेहोश हो गईं। बाद में उन्होंने प्राण त्याग दिए। दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया है। मतलब इस फोटो का लखनऊ से कोई संबंध नहीं है।

इस बारे में हमने नईदुनिया के मुरैना के रिपोर्टर हरिओम से बात की। उनका कहना है, ‘वायरल फोटो मुरैना के पोरसा में रहने वाले दंपती का था। पहले पति की मौत हुई थी, उसके बाद पत्नी का निधन हुआ था। घटना 23 अक्टूबर 2018 की है।‘ हरिओम ने हमारे साथ न्यूजपेपर में छपी खबर की कटिंग भी शेयर की।

इसके बाद हमने लखनऊ में रिटायर्ड कर्नल वाली वायरल कहानी के बारे छानबीन की। कीवर्ड से गूगल पर सर्च करने पर हमें किसी विश्वसनीय वेबसाइट पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे इस दावे की सत्यता पता चल सके। इस बारे में लखनऊ में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ अजय श्रीवास्तव का कहना है, ‘हाल-फिलहाल में ऐसी कोई घटना नजर में नहीं आई है।

फोटो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘द्विवेदी रामजी‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह सिद्धि के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: एक चिता पर रखे पति-पत्नी के शवों की फोटो मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की है। दोनों की करीब चार साल पहले 2018 में मौत हो गई थी, जबकि लखनऊ के नाम पर वायरल हो रही कहानी मनगढ़ंत है। इस तरह की कोई घटना हाल-फिलहाल में वहां नहीं हुई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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