Fact Check : महाराष्‍ट्र के खंबाटकी घाट का 2017 का वीडियो मध्‍य प्रदेश के नाम पर हुआ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मध्‍य प्रदेश में जोरदार बारिश के बीच महाराष्‍ट्र का एक पुराना वीडियो छिंदवाड़ा के सिल्‍लेवानी के जंगल के नाम पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बारिश के पानी को हाईवे पर बहते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल वीडियो मध्‍य प्रदेश के सिल्‍लेवानी के जंगल का नहीं है। ओरिजनल वीडियो महाराष्‍ट्र के सतारा जिले के खंबाटकी घाट का है। जून 2017 में यहां भारी बारिश हुई थी। जिसके बाद हाईवे पर तेज पानी को बहते हुए देखा गया था।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज “देखो छिंदवाड़ा” ने 8 सितंबर को शाम छह बजे 52 सेकंड के एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा कि नागपुर रोड सिल्‍लेवानी का जंगल। इस वीडियो को अब तक 370 लोग शेयर कर चुके हैं।

यह वीडियो यूट्यूब पर मध्‍य प्रदेश के खंडवा भैरू घाट और शिमला-कालका हाई के नाम पर भी मौजूद है।

महाराष्‍ट्र का पुराना वीडियो मध्‍य प्रदेश के नाम पर वायरल
महाराष्‍ट्र का पुराना वीडियो शिमला-कालका हाइवे के नाम पर वायरल

पड़ताल

विश्‍वास टीम को सबसे पहले यह जानना था कि सिल्‍लेवानी का जंगल आखिर है कहां? गूगल में जब हमने सिल्‍लेवानी का जंगल लिखकर सर्च किया तो हमें पता चला कि इस नाम का जंगल मध्‍य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित है।

इसके बाद विश्‍वास टीम ने वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले और उसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें एक खबर abpmajha नाम की एक वेबसाइट पर मिली। 17 जून 2017 को अपलोड की गई एक खबर में बताया गया कि मूसलाधार बारिश के बाद पुणे-बेंगलुरु नेशनल हाईवे के खंबाटकी घाट पर पानी के प्रवाह को देखा गया।

हमें ABP Majha के यूट्यूब चैनल पर 16 जून 2017 की तारीख में अपलोड एक वीडियो मिला। इसमें बताया गया कि सतारा के खंबाटकी घाट पर जोरदार बारिश के कारण पानी को नेशनल हाईवे पर बहते हुए देखा गया। इसके बाद हमने टाइम लाइन टूल का यूज करते हुए सबसे पुराने वीडियो को सर्च किया तो हमें ABP Majha का वीडियो ही सबसे पुराना मिला।

पड़ताल के दौरान हमें India TV के यूट्यूब चैनल पर भी एक वीडियो मिला। इसे 18 जून 2017 को अपलोड किया गया था। इसमें सतारा में भीषण बाढ़ का जिक्र करते हुए बताया गया कि पुणे-सतारा नेशनल हाईवे पर खंबाटकी घाट पर भारी बारिश से बीच सड़क पर पानी का प्रकोप देखने को मिला।

हमें वायरल वीडियो से जुड़ी पुरानी खबर महाराष्‍ट्र की एक स्‍थानीय वेबसाइट पर भी मिली। इसमें भी खंबाटकी घाट में हुई भारी बारिश के बारे में बताया गया। खबर 17 जून 2017 को पब्लिश की गई थी।

अपनी पड़ताल के अगले चरण में हमें यह जानना था कि खंबाटकी घाट सतारा में कहां पड़ता है। गूगल सर्च के दौरान हमें जानकारी मिली की यह खंडाला तहसील में स्थित है।

विश्‍वास टीम ने खंडाला के म्‍यूनिसिपल काउंसल के ऑफिस में कॉल किया। वहां हमारी बात राजेश सोलसकर से हुई। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो खंडालाल के ही खंबाटकी घाट का ही है। 2017 में यहां भारी बारिश हुई थी। वीडियो उसी दौरान का है।

विश्‍वास टीम ने “देखो छिंदवाड़ा” फेसबुक पेज की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता लगा कि इस पेज को 28 मई 2016 को बनाया गया था। इस पेज पर छिंदवाड़ा से जुड़ी खबरें, तस्‍वीरें और वीडियो को अपलोड किया जाता है। पेज को फॉलो करने वालों की तादाद 10 हजार से ज्‍यादा है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि सिल्‍लेवानी के जंगल के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। ओरिजनल वीडियो जून 2017 में सतारा जिले में हुई बारिश के बाद खंबाटकी घाट पर बहते हुए पानी का है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट