विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि कनाडा का बताकर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह 2016 का कैलिफ़ोर्निया के टरलॉक शहर का मामला है, जब गुरुद्वारे के प्रबंधन को लेकर दो ग्रुपों के बीच में हाथपाई हुई थी। वीडियो का कनाडा से कोई तालुक नहीं है। वायरल दावा फ़र्ज़ी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक गुरुद्वारे के अंदर कुछ लोगों को मारपीट करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ महिलाएं और पुरुष एक-दूसरे के साथ हाथपाई करते हुए दिख रहे हैं। वहीँ, कुछ लोग बीचबचाव करते हुए नज़र आ रहे हैं। अब इसी वीडियो को कनाडाई प्रधानमंत्री पर तंज़ करते हुए इसे कनाडा का बताया जा रहा है।
विश्वास न्यूज़ ने वायरल वीडियो की पड़ताल में पाया कि यह वीडियो 2016 का कैलिफ़ोर्निया के टरलॉक शहर का है, जब गुरुद्वारा के प्रबंधन को लेकर दो ग्रुपों के बीच हाथपाई हुई थी। वीडियो का कनाडा से कोई ताल्लुक नहीं है, वायरल किया जा रहा दावा फ़र्ज़ी है।
ट्विटर यूजर ‘श्रीष त्रिपाठी’ ने हाथापाई का यह वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत में खालिस्तानियों को समर्थन दे रहा है। अब कनाडा में ही गुरुद्वारों की सत्ता के लिये सिखों में आपस में संघर्ष शुरू हो गए हैं। जल्दी ही ये सारे कनाडा में दिखेगा। जो दूसरों के लिये गड्ढा खोदता है।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।
अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल किये जा रहे वीडियो को इनविड टूल में डाला और कुछ कीफ्रेम्स निकाले और फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये सर्च किया। सर्च में हमारे हाथ 13 जनवरी 2016 को एबीपी न्यूज़ के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ वही वीडियो मिला, जिसे अब कनाडा का बताते हुए शेयर किया जा रहा है। खबर में बताया गया, ‘अमेरिका के कैलिफ़ोर्निया में टरलॉक शहर में एक गुरुद्वारे में दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई। गुरुद्वारे में मौजूद एक शख्स ने मारपीट का वीडियो बनाया है। दो ग्रुपों की इस भिड़ंत में महिलाएं भी शामिल हैं। गुरुद्वारे में पिछले कुछ महीनों से दो गुटों के बीच तौर-तरीके को लेकर विवाद चल रहा था।’
इंडिया टीवी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर इस वीडियो को 13 जनवरी 2016 को शेयर करते हुए इसे कैलिफोर्निया का बताया गया है।
इस घटना को गूगल न्यूज़ सर्च करने पर हमें 13 जनवरी 2016 को एनडीटीवी की वेबसाइट पर पब्लिश हुआ एक आर्टिकल मिला। खबर में बताया गया, ‘ अमेरिका के कैलिफोर्निया के एक गुरुद्वारे में एकत्र हुए लोगों के बीच हिंसक झड़प का वीडियो वायरल हुआ है। सप्तामह के अंत में यह झगड़ा उस समय हुआ, जब गुरुद्वारे पर नियंत्रण को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए। दो गुटों के बीच लंबे समय से इस बात पर विवाद चल रहा है कि गुरुद्वारे को किस तरह से चलाया जाए।” पूरी खबर यहाँ पढ़ें।
ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण पंजाबी के कनाडा स्थित संवाददाता कमलजीत बटर से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया, “यह वायरल वीडियो कनाडा का नहीं है। हालांकि, कनाडा में गुरुद्वारे के इलेक्शन के वक़्त क्लैश होते रहते हैं, लेकिन यह वीडियो यहाँ का नहीं है।”
वीडियो को फ़र्ज़ी दावे के साथ शेयर करने वाले ट्विटर यूजर श्रीष त्रिपाठी की सोशल स्कैनिंग से पता चलता है की इस प्रोफाइल से एक विशेष विचारधारा की पोस्ट शेयर की जाती हैं। वहीं, अमेठी से ताल्लुक रखने वाले इस यूजर को 14.8 हज़ार लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि कनाडा का बताकर जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह 2016 का कैलिफ़ोर्निया के टरलॉक शहर का मामला है, जब गुरुद्वारे के प्रबंधन को लेकर दो ग्रुपों के बीच में हाथपाई हुई थी। वीडियो का कनाडा से कोई तालुक नहीं है। वायरल दावा फ़र्ज़ी है।
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