Fact Check: एक परिवार द्वारा नग्न प्रदर्शन किये जाने की 2015 की घटना को भ्रामक दावे के साथ अब किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दलित दंपती को जबरदस्ती निर्वस्‍त्र किये जाने का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 7 अक्टूबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने एक परिवार के कुछ लोगों ने अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया था। उसी मामले की तस्वीर को अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक निर्वस्त्र परिवार की फोटो काफी वायरल हो रही है। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने एक दलित दंपत्ति को निर्वस्‍त्र कर दिया।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दावा फर्जी निकला। 7 अक्टूबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने एक परिवार के कुछ लोगों ने खुद अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया था। 

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर  Ravikumar Ravi (रवि कुमार रवि) ने BHIM ARMY GROUP (भीम आर्मी ग्रुप) नाम के फेसबुक पेज पर 4 नवंबर को एक यूट्यूब लिंक शेयर किया। वीडियो में एक निर्वस्त्र परिवार की तस्वीर थी, जिसके ऊपर लिखा था “महान देश की इस सच्चाई को पेश करते हुए शर्मसार हो रहा हूँ। पर इसको पोस्ट करना भी जरूरी है। जहां पर मीडिया विकलांग, बिकाऊ और पक्षपाती हो जाता है वहां पर हम सभी को एक सच्चे पत्रकार की भूमिका में सामने आना पड़ता है। ये तस्वीर उ.प्र. के ग्रेटर नॉएडा के धनकौर थाना की है। कोई प्रवीन यादव इसके इंचार्ज हैं जिसने इस गरीब दलित दम्पति को चौराहे पर नंगा इसलिए कर दिया, क्योंकि ये थाने में अपने घर हुई चोरी की घटना की शिकायत करने और चोरों को पकड़ने की मांग करने थाने में प्रवीन एस.एच.ओ. के पास आये थे। देखिये बीच चौराहे पर बेबस पति पत्नी को नंगा किया गया है और पास खड़ी हिजड़ों की फ़ौज तमाशा देख रही है। अनुरोध है कि आप इस पोस्ट को इतना शेयर करें अपराधी एस.एच.ओ. शाम तक टंग जाये।”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इस तस्वीर की जांच की थी, उस समय दावा कुछ और था। उस समय अपनी पड़ताल में हमने वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया था। वायरल तस्‍वीर हमें इंडिया टुडे की वेबसाइट पर 10 अक्टूबर 2015 की एक खबर में मिली थी। खबर के अनुसार, घटना ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन की है। वहां सुनील गौतम नाम का एक शख्‍स पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज करवाना चाहता था, लेकिन कई चक्कर काटने के बाद भी जब उसकी शिकायत नहीं लिखी गई तो वह पूरे परिवार के साथ निर्वस्त्र हो गया।

इसके बाद हमने कीवर्ड सर्च किया था। हमें 9 अक्टूबर 2015 की जागरण डॉट कॉम पर एक खबर मिली थी, जिसमें बताया गया, “लूट के मामले में पुलिस कार्रवाई को लेकर दलित परिवार बुधवार को दनकौर में निर्वस्त्र हो गया था। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लूट का मामला दर्ज न करने व आरोपियों की गिरफ्तारी न करने का आरोप लगाया था। कस्बे में हुए हाईवोल्टेज ड्रामे में पुलिस ने दलित परिवार पर पिस्टल लूटने व जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज की थी। कस्बे के लोगों ने भी दलित परिवार पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने तीन महिलाओं समेत परिवार के पांच लोगों को जेल भेज दिया है।” पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें इस मामले में इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर भी 9 अक्टूबर 2015 को एक वीडियो अपलोड मिला था। इस खबर में बताया गया था कि 7 अक्टूबर को दलितों ने दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने नग्‍न प्रदर्शन किया था। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।

वायरल पोस्‍ट की सच्चाई जानने के लिए हमने 2019 में दैनिक जागरण के ग्रेटर नोएडा के क्राइम रिपोर्टर प्रवीण विक्रम सिंह से संपर्क किया था। उन्‍होंने हमें बताया था कि वायरल पोस्‍ट में जैसा दावा किया जा रहा है, वैसा नहीं था। घटना अक्टूबर 2015 की थी। इस घटना का एक राहगीर ने वीडियो बना लिया था। इन लोगों ने अपने कपड़े खुद ही फाड़े थे। बाद में आरोप पुलिस वालों पर लगा दिया था। जांच में यह साबित भी हो चुका था।

2019 में विश्वास न्यूज़ द्वारा की गई पूरी पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।

अंत में हमने फेसबुक पेज BHIM ARMY GROUP (भीम आर्मी ग्रुप) की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस ग्रुप के 1 लाख से अधिक मेंबर हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में दलित दंपती को जबरदस्ती निर्वस्‍त्र किये जाने का दावा करने वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। 7 अक्टूबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दनकौर पुलिस स्टेशन के सामने एक परिवार के कुछ लोगों ने अपने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया था। उसी मामले की तस्वीर को अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट