नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर दो युवकों की पिटाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिसकर्मियों को युवकों की बीच सड़क पर डंडे से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो इस शेयर कर दावा कर रहे हैं कि गुजरात में लड़कियों से छेड़खानी करने पर मनचलों की पुलिस ने बीच सड़क पर डंडे से पिटाई कर दी। कुछ दिन में इस पोस्ट को कई यूजर्स ने शेयर किया है, जिससे यह हाल की घटना प्रतीत हो रही है।
विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो दिसंबर 2015 का है। दरअसल, वर्ष 2015 में सूरत पुलिस ने लड़कियों से छेड़खानी करने वाले दो युवकों को पकड़ कर ऐसे सजा दी थी। वीडियो उसी दौरान का है, जिसे अब हाल का समझकर शेयर किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर बैजनाथ चौरसिया राष्ट्रवादी ने (आर्काइव लिंक) वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “धन्यवाद #गुजरात जिहादी ने राह चलती हिंदू बहन से छेड़खानी की वहां पर खड़े आला अधिकारी अफसरों ने जिहादी के पुरखे कुछ इस तरीके से याद दिला दिया इनको सुधारने का यही एक अच्छा तरीका है तभी ये सुधरेंगे।”
ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं। पोस्ट से जुड़े आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने वीडियो के कुछ की-फ्रेम्स निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो न्यूज 24 के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 9 दिसंबर 2015 को अपलोड मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, “वायरल वीडियो सूरत का है, जहां पुलिस ने दो मनचलों को ऐसे सबक सिखाया है।”
सर्च के दौरान हमें वायरल वीडियो न्यूज एक्स के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर भी अपलोड मिला। 10 दिसंबर 2015 को अपलोड वीडियो के कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, “सूरत में छेड़खानी करने वाले को पुलिस ने बेरहमी से अपमानित किया, उसे कार से बांध दिया और डंडे से पीटा।”
दिव्य भास्कर के वेरिफाइड फेसबुक पेज पर भी वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। यहां भी इसे 9 दिसंबर 2015 को शेयर किया गया है।
सर्च में हमें डेली मोशन की वेबसाइट पर एबीपी नेटवर्क पर अपलोड हुआ यह वीडियो मिला। यहां इन मनचलो को पहचान नदीम और कादिर के तौर पर बताई गई है।
हमारी यहां तक की जांच से यह बात साफ हो गई कि वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं है, बल्कि साल 2015 का है। अधिक जानकारी के लिए हमने गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कपूरिया से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो करीब आठ साल पुराना है।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर बैजनाथ चौरसिया राष्ट्रवादी के अकाउंट की जांच की गई। पता चला कि यूजर को 5 हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर 2017 से फेसबुक पर सक्रिय है।
निष्कर्ष: सूरत पुलिस द्वारा सड़क पर मनचलों को पीटने का वायरल वीडियो दिसंबर 2015 का है। इसका हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।
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