Fact Check : दिल्‍ली में वर्ष 2015 में हुई घटना को महाराष्‍ट्र के नाम पर किया गया वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं 2015 का है और महाराष्ट्र  का नहीं, दिल्ली का है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होंगे। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल इस क्लिप के साथ दावा किया जा रहा है कि समुदाय विशेष के लोगों ने दो पुलिसवालों की पिटाई कर दी। घटना मुंबई के नाम से काफी वायरल की जा रही है। 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं,  बल्कि 2015 का है। इसका महाराष्‍ट्र से कोई संबंध नहीं है। दिल्‍ली की पुरानी घटना को अब चुनाव के बीच सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या है वायरल पोस्ट?

फेसबुक यूजर Chandrasekar Ganapathi (Archive Link) ने 13 नवंबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर किया और साथ में लिखा, “आज मुंबई में जब पुलिस ने चालान काटा तो मुसलमानों ने पुलिस वालों की पिटाई कर दी। यह कानून को चुनौती है। यह वीडियो बताता है कि भविष्य में भारत में क्या होने वाला है। देश का नेतृत्व कौन करेगा? और सबका भविष्य कैसा होगा? यह कड़वी सच्चाई है कि देश को बाहर से नहीं बल्कि अंदर से ज्यादा खतरा है। दोस्तों, मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि इस वीडियो को हर ग्रुप में भेजें। कल शाम तक यह हर न्यूज चैनल पर आ जाना चाहिए।”

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले  इस वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस पर सर्च किया। हमें 14 जुलाई 2015 को एनडीटीवी इंडिया  के यूट्यूब चैनल पर एक रिपोर्ट मिली, जिसमें इस घटना के बारे में बताया गया था। डिस्क्रिप्शन के अनुसार, “उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में हेलमेट न पहनने और ट्रिपल राइडिंग करने को लेकर जब पुलिसकर्मियों ने बाइकसवारों को रोका तो उन लोगों ने दोनों पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी।”

टाइम टूल का इस्तेमाल करके ढूंढ़ने पर हमें जुलाई 2015 में हुई इस घटना को लेकर कई ख़बरें मिलीं।

14 जुलाई 2015 को प्रकाशित इंडियन एक्सप्रेस की खबर में लिखा था “उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में सोमवार सुबह दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। ऐसा तब हुआ जब पुलिसकर्मियों ने आरोपियों से हेलमेट न पहनने के लिए जुर्माना भरने को कहा। पुलिस ने बताया कि एक स्थानीय व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन पर इस घटना को रिकॉर्ड भी किया।”

अधिक जानकारी के लिए हमने मुंबई स्थित मिड-डे के वरिष्ठ संवाददाता समीउल्लाह खान से संपर्क किया। उन्होंने कन्फर्म किया कि यह मामला मुंबई का नहीं है।

वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर चंद्रशेखर गणपति  (Chandrasekar Ganapathi) की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया।  यूजर के 100 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वीडियो हालिया नहीं 2015 का है और महाराष्ट्र  का नहीं, दिल्ली का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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