Fact Check : बच्‍चों की पिटाई का मिस्र का पुराना वीडियो गुजरात के नाम पर वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वलसाड के मुस्लिम शिक्षक के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का गुजरात से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो 2014 का मिस्र का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर तीस सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक शख्‍स को एक छोटी बच्‍ची को बुरी तरह पीटते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह गुजरात के वलसाड के डीपीएस स्‍कूल का है। टीचर का नाम शकील अहमद अंसारी है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी निकला। पता चला कि वायरल वीडियो का गुजरात का कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो मिस्र की पुरानी घटना का है। 2014 में इजिप्‍ट के एक अनाथालय में बच्‍चों के साथ हिंसा करने वाले एक शख्‍स के इस वीडियो को उसी की पत्‍नी ने बनाकर वायरल किया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर संतोष ने 23 जुलाई को एक वीडियो पोस्‍ट करते हुए दावा किया : ‘आप के वॉट्सऐप पे जितने भी नंबर और ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के D P S school राजगढ़ का टीचर शकील अहमद अंसारी है इसको इतना शेयर करो की स्कूल और टीचर दोनो बंद हो जाए वीडियो वायरल होने से काफी फर्क पड़ता है और कार्यवाही होती है।’

वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहाँ देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट में इस्‍तेमाल किए गए वीडियो को सबसे पहले इनविड टूल में अपलोड करके कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। वायरल वीडियो हमें कई न्‍यूज चैनल के यूट्यूब हैंडल पर मिला। हेडलाइन्‍स टुडे ने 9 अगस्‍त 2014 को अपलोड एक खबर में बताया कि यह वीडियो मिस्र के एक अनाथालय के मैनेजर का है। इसमें वह बच्‍चों के साथ बुरा बर्ताव व हिंसा करते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को मैनेजर ओसामा की पत्‍नी ने बनाया था। पूरी खबर यहां देखी जा सकती है।

गूगल सर्च करने पर अरबिया न्‍यूज की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। 4 अगस्‍त 2014 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि काहिरा अनाथालय का वीडियो वायरल होने के बाद आरोपी ओसामा मोहम्‍मद को अरेस्‍ट कर लिया गया। पूरी खबर यहां पढ़ें।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने गुजरात के वरिष्‍ठ पत्रकार प्रशांत नेमा के साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि बच्‍चों के साथ हिंसा करने वाला यह वीडियो गुजरात का नहीं है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर संतोष मध्‍य प्रदेश के भोपाल का रहने वाला है। इसके फेसबुक पर 95 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वलसाड के मुस्लिम शिक्षक के नाम से वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का गुजरात से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो 2014 का मिस्र का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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