नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर दैनिक जागरण अखबार की एक कटिंग वायरल हो रहा है। कटिंग में लिखा है कि मोदी से पहले बनारस पहुंची दो ट्रक करेंसी। विश्वास टीम की पड़ताल में यह खबर दो साल से भी ज्यादा पुरानी निकली। लोकसभा चुनाव के वक्त इस पुरानी खबर के वायरल होने से लोगों में भ्रम फैल रहा है।
”हम तो अखिलेश यादव के साथ है…और आप” नाम के फेसबुक ग्रुप पर Sagir Siddique नाम के फेसबुक यूजर ने अखबार की कटिंग को वायरल किया। इसे 25 अप्रैल को अपलोड किया गया था। इसे सौ से ज्यादा लोग शेयर कर सकते हैं।
विश्वास टीम ने सबसे पहले वायरल हो रही कटिंग को ध्यान से पढ़ने की कोशिश की। खबर का इंट्रो था : नकदी संकट से जूझ रहे पूर्वांचल के सभी जिलों के लिए यह बड़ी खबर है। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को करेंसी की भारी भरकम खेम बनारस पहुंचा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अपने संसदी क्षेत्र में 22 दिसंबर को आगमन से पहने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दो ट्रकों से लाई गई इस करेंसी से वाराणसी और आसपास के सभी जिलों में नकदी संकट समाप्त हो जाएगा, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
इसको पढ़कर कुछ बातें हमें समझ में आ गईं…
इसके बाद हमने गूगल में वायरल कटिंग की हेडिंग ‘मोदी से पहले बनारस पहुंची दो ट्रक करेंसी’ को गूगल में सर्च किया। हमें jagran.com पर प्रकाशित एक खबर का लिंक मिला। इसे 18 दिसंबर 2016 को सुबह 9:31 बजे अपलोड किेया गया था। इस खबर की हेडिंग अखबार की हेडिंग जैसी ही थी। पूरी खबर को पढ़ने के बाद हमें पता चला कि वायरल कटिंग का कंटेंट और जागरण डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर का कंटेंट एक ही है।
इसमें भी बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी के अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 22 दिसंबर के आगमन से पहले दो ट्रक से लाई गई करेंसी से वाराणसी व पास के सभी जिलों में नकदी संकट समाप्त हो जाएगा, ऐसी उम्मीद है। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
अब हमें यह जानना था कि क्या वाकई पीएम मोदी 22 दिसंबर 2016 को बनारस गए थे। इसके लिए हमने InVID टूल का यूज किया। InVID के Twitter Search ऑप्शन में जाकर हमने @narendramodi टाइप करके 22 दिसंबर 2016 की डेट सेट करके पीएम के पुराने Tweet सर्च किए। यहां हमें नरेंद्र मोदी के बनारस दौरे के कई Tweets मिले। यह आप नीचे देख सकते हैं।
अंत में हमने पुरानी कटिंग को वायरल करने वाले Sagir Siddique की फेसबुक प्रोफाइल को स्कैन किया। इसके लिए हमने Stalkscan टूल का यूज किया। हमें पता चला कि Sagir Siddique समाजवादी पार्टी के समर्थक हैं। उनकी टाइमलाइन पर सपा के पक्ष में और सरकार के खिलाफ काफी पोस्ट मौजूद हैं।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की जांच में दैनिक जागरण की वायरल कटिंग नोटबंदी के वक्त की है। बनारस के आसपास के जिले में करंसी की कमी को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यह करंसी भेजवाई थी। 2019 में चुनाव के दौरान इस पुरानी कटिंग के फैलने से लोगों में भ्रम हो रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।